भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मल्हार के देउर मंदिर में मनाया विश्व संग्रहालय दिवस
बिलासपुर
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण रायपुर सर्किल द्वारा मस्तूरी विकासखंड स्थित मल्हार के पुरातात्विक महत्व वाले भीम-कीचक मंदिर (देउर मंदिर) परिसर में विश्व संग्रहालय दिवस पर विविध प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के वॉलेंटियर्स की सहभागिता रही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य अधिकारी सह छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग के पदेन उपसचिव डॉ. समरेंद्र सिंह रहे। लोगों में जागरूकता निर्माण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों व एनएसएस के अधिकारियों द्वारा हेरिटेज वॉक किया गया। इसके तहत जागरूकता बैनर के साथ देउर मंदिर परिसर से पातालेश्वर मंदिर तक वॉक किया हुआ। वॉक के बाद पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. करबी साहा ने बताया कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा लोगों को संग्रहालय के प्रति जागरूक करने की दृष्टि से पूरे देश में जगह-जगह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी के तहत रायपुर सर्किल द्वारा पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मल्हार में राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. समरेंद्र सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ भले ही नया राज्य है पर यहां की सांस्कृतिक जड़ें काफी गहरी व प्राचीन हैं। मल्हार का सांस्कृतिक व पुरातात्विक महत्व है। विश्व संग्रहालय दिवस पर मल्हार में आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम लोगों में जागरूकता प्रसार के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। इस दिशा में एनएसएस के वॉलेंटियर्स भी तत्परता से कार्य करेंगे। उन्होंने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एनएसएस की ओर से हरसंभव सहयोग का वादा किया। राज्य अधिकारी डॉ. समरेंद्र सिंह ने एनएसएस वॉलेंटियर्स से अधिक से अधिक लोगों को मल्हार के पुरातात्विक धरोहरों के बारे में जागरूक करने की अपील की। उन्होंने मल्हार में संग्रहालय निर्माण की आवश्यकता के बारे में भी अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि व राष्ट्रीय सेवा योजना अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक प्रो. मनोज सिन्हा ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम लोगों को अपनी धरोहरों के प्रति जागरूक करते हैं। एनएसएस के वॉलेंटियर्स लगातार जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सेदारी करते हैं। ऐसे आयोजनों से उनका उत्साह और भी बढ़ता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहायक पुरातत्वविद् डॉ. नित्यानंद ने लोगों के मल्हार के धरोहरों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से रूबरू कराया। उन्होंने विश्व संग्रहालय दिवस के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में संग्रहालय निर्माण की प्रक्रिया अंग्रेजों के काल में शुरू हुई थी। इसमें निरंतर प्रगति हो रही है। उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी लोगों का स्वागत किया व जागरूकता कार्यक्रम में सहयोग के लिए आभार माना।
कार्यक्रम को प्रधानाध्यापक शेष नारायाण गुप्ता ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अकतराम सिन्हा, ओमप्रकाश पांडेय, राजेश पांडेय व एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी करूणेश नापित व पूरण सिंह ठाकुर समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
पेंटिंग में शीला पटेल विजेता
जागरूकता प्रतियोगिता के तहत आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता के जूनियर विंग में शीला पटेल पहले, ज्योति पटेल दूसरे व पायल राजपूत तीसरे स्थान पर रही। सीनियर विंग में पहले स्थान पर सोन कुमार पाल, दूसरे स्थान पर चंचल राजपूत व तीसरे स्थान पर साक्षी राय रहीं। अनिशा धीवर व गोपी कैवत्र्य को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
सांस्कृतिक प्रस्तुति ने मन मोहा
विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। इन प्रस्तुतियों में छत्तीसगढ़ के महत्व को खासतौर पर रेखांकित किया गया। हमर सुग्घर छत्तीसगढ़… गीत की प्रस्तुति को लोगों ने खूब सराहा।