राज्य

बैकुंठपुर में एशिया का सबसे बड़ा फॉसिल्स हैरिटेज साइट बनेगा,भारत का 5वां फॉसिल्स पार्क

बैकुंठपुर
 कोरिया जिले के हसदेव नदी तट पर 28 करोड़ साल पुराने मैरीन फॉसिल्स पार्क (Marine Fossils park) को संरक्षित एवं बायोडायवर्सिटी हैरिटेज साइट बनाने चिन्हाकंन कर लिया गया है। यह एशिया का सबसे बड़ा फॉसिल्स हैरिटेज साइट बनेगा। वर्तमान में भारत में 4 फॉसिल्स पार्क (Fossils Park) मौजूद है, यह 5वां फॉसिल्स पार्क है। 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस (World Forestry Day) पर सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) इसकी वर्चुअल नींव रखेंगे। फॉसिल्स पार्क को विकसित करने 8 करोड़ खर्च करने प्रोजेक्ट बनाया गया है। यह राशि एसइसीएल के सीएसआर मद से मिलेगी।

गौरतलब है कि अपर प्रधान मुख्य सरंक्षक एवं बायो डायवर्सिटी बोर्ड रायपुर के सदस्य सचिव अरुण पाण्डेय के नेतृत्व में पिछले साल जांच टीम मनेंद्रगढ़ पहुंची थी। इस दौरान 1 किलोमीटर एरिया को तार से घेरकर निर्मित प्रदेश का पहला समुद्री जीवाश्म पार्क का बारीकी से निरीक्षण किया था।
जांच टीम ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर जियोलॉजिकल सर्वें ऑफ इंडिया, वीरबल साहनी इस्टीट्यूट लखनऊ से सर्वे कराने सिफारिश की थी। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड रायपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वर्चुअल वीडियो कांफ्रेंसिंग में डायरेक्टर जियोलॉजिकल सर्वें ऑफ इंडिया, डायरेक्टर वीरबल साहनी इस्टीट्यूट लखनऊ, रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर की मौजूदगी में फॉसिल्स का जांच करने सहमति बनी है।

जियोलॉजिकल सर्वें ऑफ इंडिया, बीरबल साहनी इस्टीट्यूट लखनऊ की टीम फॉसिल्स पार्क का जायजा लेने आएगी और गोंड़वाना मैरीन फॉसिल्स पार्क को विकसित करने अपना सुझाव देगी।

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की नेशनल जियोलॉजिकल मोनूमेंट्स में शामिल
मनेन्द्रगढ़ वनमंडल में करीब एक दशक पहले हसदेव नदी तट पर समुद्री जीवों के जीवाश्म मिलने के कुछ निशान-चिह्न को ढूंढा गया था। मामले में बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोबॉटनी लखनऊ से सलाह ली गई थी। इंस्टीट्यूट ने कुछ विशेषज्ञ की टीम जांच करने के लिए भेजी थी। विशेषज्ञों की टीम ने करोड़ों साल पुराने समुद्री जीवाश्म होने की पुष्टि की और एरिया को जियो हैरिटेज सेंटर के रूप में विकसित करने की सलाह दी थी।

वहीं जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने वर्ष 1982 में नेशनल जियोलॉजिकल मोनूमेंट्स में शामिल किया है। जियोलॉजिकल टाइम स्कैल में 29.8 से 25.5 करोड़ साल पहले के जीवाश्म होने की पुष्टि की गई है।

इसे मनेंद्रगढ़ के फॉसिल्स को गोंडवाना सुपर गु्रप चट्टान की श्रेणी में रखा गया है। फॉसिल्स पार्क वाले क्षेत्र को घेर प्रस्तावित पार्क हसदेव व हसिया नदी के संगम पर एक किलोमीटर क्षेत्र में विकसित करने का निर्णय लिया गया था।

मनेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन में लगाया गया है बोर्ड
मनेंद्रगढ़ वनमण्डल में आमाखेरवा के पास हसदेव नदी और हसिया नदी के बीच करीब एक किलोमीटर के क्षेत्र में समुद्री जीवों और वनस्पतियों के जीवाश्म से भरे पड़े हैं। क्षेत्र में बाइवाल्व मोलस्का, युरीडेस्मा और एवीक्युलोपेक्टेन सहित अन्य समुद्री जीवों के जीवाश्म मौजूद हैं। करीब एक किलोमीटर एरिया में करोड़ों साल पुराने जीवाश्म के निशान पाए गए हैं।

वहीं मनेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन में भी समुद्री जीवाश्म जानकारी देने बोर्ड लगाया गया है। समुद्री जीवाश्म मिलने को लेकर यह मान्यता है कि करोड़ों साल पहले यह हिस्सा समुद्र के नीचे था और भूगर्भ में हलचल के बाद ऊपर आया होगा। जिससे आज भी समुद्र में पाए जाने वाले सीप के जीवाश्म और अवशेष कोरिया में मौजूद हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button