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भूलन दी मेज आज छग के साथ देश के विभिन्न सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्स में होगी रिलीज

रायपुर
भूलन द मेज अपनी रिलीज के पहले ही कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी है। यह फिल्म कल छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के विभिन्न सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्स में एक साथ रिलीज होगी। वहीं राजधानी रायपुर के पीवीआर में यह फिल्म कल रिलीज होगी वहीं प्रभात टॉकीज में 3 जून को देखने को मिलेगा। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्रीज के इतिहास में यूएफओ कंपनी किसी छत्तीसगढ़ी फिल्म को पेन इंडिया वितरण कर रही हैं। पत्रकारों से चर्चा के दौरान निमार्ता-निर्देशक मनोज वर्मा, फिल्म के नायक ओमकार दास मानिकपुरी, नायिका अनिमा पगारे, संपादक तुलेंद्र पटेल, एसोसिएट डायरेक्टर एन्थोनी गार्डिया, वरिष्ठ कवि मीर अली मीर, कलाकार योगेश अग्रवाल, शैलेंद्र दीवान व अन्य कलाकार मौजूद थे।

मनोज वर्मा ने बताया कि भूलन दी मेज छत्तीसगढ़ के साथ ही मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, भोपाल, पुणे, बेंगलुरु, नागपुर, चण्डीगढ़, जम्मू-कश्मीर, कटक एवं अन्य शहरों के मल्टीप्लेक्स व अन्य सिनेमाघरों में कल एक साथ रिलीज हो रही है। छत्तीसगढ़ की यह पहली फिल्म है जो भारत के अन्य हिस्सों में रिलीज हो रही है। फिल्म की ज्यादातर शूटिंग गरियाबंद जिले के पास महुआभाटा गांव में हुई है और साथ ही पूरे गांव के लोग इस फिल्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है। साथ ही खैरागढ़ जेल और रायपुर के कुछ दृश्यों का फिल्मांकन हुआ है। 34 दिनों में फिल्म की शूटिंग पूरी हो गई और रिलीज से लेकर अभी तक इसमें 2 करोड़ रुपये खर्च हुए।

बॉलीवुड गायक कैलाश खेर ने फिल्म का टाइटल सॉग गाया है। छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि गीतों में से एक मीर अली मीर का लिखा नंदा चाहि का रे इस फिल्म की जान है जिसे लोग बेहद पसंद कर रहे है। फिल्म का पाश्र्व संगीत सांवरिया फेम मोंटी शर्मा ने दिया है। कोलकाता के सिनेमेटोग्राफर संदीप सेन ने कैमरे का अद्भूत प्रदर्शन किया है। भूलन दी मैज फिल्म प्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवि संजीव बक्शी के उपन्यास पर आधारित है। फिल्म की कहानी देश में फैली न्याय व्यवस्था पर प्रश्न उठाती है। फिल्म का संवाद हिदी और छत्तीसगढ़ी में है और रीयलिस्टिक है जिसमें गांव वाले छत्तीसगढ़ी बोलते है और शहर वाले हिन्दी।

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