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बिहार: पांच साल की बच्ची के अपहरण मामले में संदिग्धों का होगा पालीग्राफी टेस्ट

पटना
पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा निवासी सब्जी विक्रेता राजन साह की पांच वर्षीय बेटी खुशी के अपहरण मामले पर सुनवाई की। न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की एकल पीठ के समक्ष मुजफ्फरपुर के एसएसपी कोर्ट में उपस्थित थे। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस केस के संदिग्धों का पालीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा। इस केस में नए सिरे से अनुसंधान किया जाएगा। उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में सकारात्मक परिणाम निकाल कर देंगे। इस पर कोर्ट ने उनसे कहा कि वे इस केस को चैलेंज के रूप में ले और सकारात्मक जांच रिपोर्ट चार सप्ताह में दायर करें।

जांच में उदासीन रवैया भी अपनाया
पिछली सुनवाई में पीठ ने अनुसंधान पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि पूर्व के अनुसंधानकर्ताओं ने अनुसंधान के नाम केवल कागजी कार्यवाही की। कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन में पाया कि पुलिस ने संदिग्धों पर उचित ढंग से कार्रवाई नहीं की। साथ ही जांच में उदासीन रवैया भी अपनाया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस ने 5-6 साल की बच्ची के अपहरण की घटना की गंभीरता केा नजरअंदाज करते हुए बेहद लचीला रवैया अपनाया है। न्यायालय ने इस मामले पहले से गठित एसआइटी को समाप्त कर मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में नई एसआइटी गठित करते हुए जांच करने का आदेश दिया। कोर्ट ने मामले के अवलोकन पर  पाया कि अनुसंधान में पाए गए संदिग्ध व्यक्ति आकाश कुमार के बयान को भी पुलिस ने नजर अंदाज किया। याचिकाकर्ता के वकील ओम प्रकाश ने कोर्ट को बताया कि 16 फरवरी 2021 को बच्ची का अपहरण कर लिया गया था। एक साल चार महीने बीत जाने के बाद भी आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।

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