यूपी के इन 11 जिलों में सबसे ज्यादा क्राइम करता है बिहार का गैंग, वाराणसी है सबसे आगे

गोरखपुर
यूपी के करीब 30 जिलों से हत्या, लूट, डकैती, नकबजनी के अलावा अन्य अपराध कर करीब 229 बदमाश फरार चल रहे हैं लेकिन इनके अलावा भी 125 ऐसे गैंगों में शामिल बदमाशों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्होंने पिछले तीन साल में यूपी के 11 जिलों को सबसे ज्यादा अपने निशाने पर रखा है। इनमें चार जिलों में उन्होंने सबसे ज्यादा क्राइम किया। इनमें वाराणसी, गौतमबुद्धनगर, बलिया व सोनभद्र जिले शामिल हैं।
दरअसल, बिहार के बदमाशों का यूपी में वारदात करने का सिलसिला कम नहीं हो रहा है। यूपी में हत्या, लूट, डकैती, चोरी के अलावा विभिन्न तरह के वारदात करते और बिहार में भाग जाते हैं। पुलिस को उन्हें पकड़ने में काफी दिक्कत होती है। यही वजह है कि अभी भी 229 बदमाशों को यूपी पुलिस नहीं पकड़ पाई है। उन बदमाशों की एक सूची एडीजी गोरखपुर अखिल कुमार ने बिहार के एडीजी एलओ को सौंपने के साथ ही उन्हें पकड़ने में मदद मांगी है।
इन गैंग ने वैसे तो यूपी के 11 जिलों को अपना क्राइम का क्षेत्र बनाया है पर सबसे ज्यादा सक्रिय यह चार जिलों में हैं। बिहार से सटे बलिया और वाराणसी में उन्होंने सर्वाधिक घटनाएं की हैं। वाराणसी में जहां 53 तो बलिया में 21 क्राइम उनके रिकॉर्ड किए गए हैं। जबकि सोनभद्र 15 और गौतमबुद्ध नगर जिले में 18 वारदातें की हैं। एडीजी अखिल कुमार ने बिहार पुलिस के अफसरों को जो सूची सौंपी है उसमें डकैती के 18, लूट के 36, हत्या के 7, नकबजनी के 15 अन्य क्राइम के 49 गैंग हैं जिनकी यूपी में 11 जिलों में तीन साल में सर्वाधिक वारदात सामने आई हैं।
रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया जहरखुरान
26 अप्रैल को ट्रेन में जहरखुरानी और चोरी करने वाले बदमाश को जीआरपी ने पांच नंबर प्लेटफार्म से गिरफ्तार किया था। पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले बदमाश के पास से यात्री का नशीला पदार्थ खिलाकर लूटे गए रुपए, मोबाइल फोन और नशे की गोली मिली थी। बिहार, पश्चिमी चंपारण के रामनगर, बरगजवा पकड़ी निवासी तुलसी महतो जंक्शन पर एक्टिव रहकर यात्रियों से जहरखुरानी करता था।
बिहार का गैंग करता है पशु तस्करी
शहर के भीतर पब्लिक और पुलिस को चुनौती देकर पशु तस्करी करने वाले गोपालगंज के गैंग पर भी पुलिस ने शिकंजा कसा है। बिहार से आकर कुशीनगर जिले के लोगों के साथ मिलकर पशु तस्करी करने वाले बदमाशों की तलाश में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर भी घायल हो चुके हैं। वहीं कैंट पुलिस चार पहिया वाहनों को गोरखपुर सहित यूपी के अन्य जिलों से चोरी कर बिहार व आसाम के रास्ते भूटान में बेचने का खुलासा किया था। जिसमें बिहार का एक बदमाश पकड़ा गया था।
क्रिमिनल रिकॉर्ड के साथ तैयार हुई है फाइल
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल बिहार के विभिन्न जिलों गोपालगंज, कटिहार, मोतीहारी, सीवान सहित अन्य जगहों से गोरखपुर, मेरठ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, नोएडा समेत कई जिलों में आकर वारदात करने वालों की पूरी फाइल तैयार की गई है।
चार बदमाश हुए थे गिरफ्तार
लूट-टप्पेबाजी करने वाले बिहार के बदमाशों के एक गैंग को 28 अप्रैल को कैंट पुलिस ने एक मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। कटिहार के इस गैंग ने कौड़ीराम और कैंपियरगंज, शाहपुर, बड़हलगंज और खलीलाबाद में भी वारदातों को अंजाम दिया। 28 अप्रैल की रात कैंट पुलिस ने एनकाउंटर में घायल कर कोठा थाना क्षेत्र स्थित जोराबगंज गांव निवासी करन, वीरेंद्र, शिवा और हैरान को गिरफ्तार किया था।
बिहार के गैंग की तीन साल में वारदातें
वाराणसी में 53, बलिया में 21, गौतमबुद्धनगर में 18, सोनभद्र में 15, बस्ती में 6, देवरिया और आगरा में तीन-तीन, गाजीपुर और मऊ में दो-दो, गोरखपुर और अंबेडकनगर में एक-एक वारदातें की हैं।