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छत्तीसगढ़ में BJP आक्रामक हुई भूपेश सरकार के खिलाफ , कहा-काला कानून वापस ले सरकार, नहीं तो जेल भरो आंदोलन

रायपुर
छत्तीसगढ़ में धरना, प्रदर्शन, आंदोलन को रोकने वाले सर्कुलर के खिलाफ भाजपा आक्रामक हो गई है। भाजपा नेताओं ने अलग-अलग जिलों में सरकार पर हमला बोला। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर रहे हैं। रायपुर में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भूपेश सरकार 15 दिनों के अंदर सर्कुलर को वापस लें, अन्यथा भाजपा राज्य स्तर पर जनता के सहयोग से जेल भरो आंदोलन चलाएगी। बिलासपुर में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश में धरना-प्रदर्शन और आंदोलन पर बैन को अलोकतांत्रिक बताया।

राजनांदगांव में पूर्व सीएम डॉ. रमन ने कहा कि राजनीति संगठन, सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के संगठन व सामाजिक संगठनों के पास अपनी बात रखने का आंदोलन ही एक मात्र माध्यम होता है। सरकार उसे भी दबाना चाह रही है। प्रदेश सरकार के इस आदेश का भाजपा विरोध करती है। 15 दिनों के भीतर आदेश वापस नहीं लिया तो प्रदेशभर में जेल भरो आंदोलन किए जाएंगे। रमन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाकर राजनीतिक संगठनों के अलावा प्रेस की आजादी भी छीन ली थी। भूपेश बघेल भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं। इससे आम लोगों की आवाज दबाई जा रही है।

16 मई को पूरे प्रदेश में कलेक्ट्रेट घेरेंगे भाजपाई
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रविवार को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि भूपेश सरकार 15 दिनों के अंदर सर्कुलर को वापस लें, अन्यथा भाजपा राज्य स्तर पर जनता के सहयोग से जेल भरो आंदोलन चलाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की ओर से इस तुगलकी आदेश को वापस नहीं लिया जाएगा तो भाजपा की ओर से हर ब्‍लॉक और जिला मुख्यालय में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। इस मसले को लेकर भाजपा संगठन के सीनियर नेता हर जिला मुख्यालय में जाकर प्रदेश सरकार की गलत नीतियों का विरोध कर रहे हैं। बिलासपुर में मीडिया से बात करते हुए धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार इस दमनकारी फैसले को वापस नहीं लेगी तो भाजपा 16 मई को कलेक्टोरेट का घेराव कर जेल भरो आंदोलन करेगी।

गृह विभाग के आदेश का विरोध कर रही ‌भाजपा
दरअसल, प्रदेश में अब किसी भी जिले में धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के लिए 19 बिंदुओं पर स्थानीय जिला प्रशासन से अनुमति लेना है। इसके लिए गृह विभाग ने आदेश जारी किया है। डॉ. रमन ने कहा कि क्या यह संभव है कि जिस प्रशासन का लोग विरोध करना चाहते हैं, वो अपने ही खिलाफ धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली की अनुमति देगा। बिना अनुमति के कार्यक्रम किया तो आयोजकों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। डॉ. रमन ने कहा भाजपा इस आदेश के खिलाफ न्यायालय जाएगी और प्रदेश की जनता, किसानों तथा प्रदेश के हित में काम कर रहे कर्मचारियों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित किए जाने के खिलाफ संघर्ष करेगी।

प्रदर्शन के बहाने मिशन-2023 पर फोकस
पिछले महीने भाजपा के नेताओं को हाईकमान ने दिल्ली बुलाया था, जिसमें प्रदेश में संगठनात्मक, आंदोलनात्मक कार्यक्रम तेज करने कहा गया है। भाजपा के इस विरोध प्रदर्शन को आगामी विधानसभा 2023 के मिशन के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा ने अब विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए कमर कस लिया है। यही वजह है कि भाजपा अब राज्य सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की रणनीति बनाकर काम कर रही है। सरकार की खिलाफत कर प्रदेश संगठन सड़क की लड़ाई लड़ने की योजना बना रही है, ताकि पदाधिकारियों के साथ ही कार्यकर्ताओं को इस बहाने एकजुट किया जा सके।

 

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