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मुख्यमंत्री नीतीश मोतिहारी से करेंगे समाज सुधार अभियान का आगाज

पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्राओं की श्रृंखला में बुधवार को एक और कड़ी जुड़ रही है। मुख्यमंत्री की यात्रा को समाज सुधार अभियान का नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि यात्रा को विराम दिया जाता है पर अभियान निरंतर चलता रहता है। समाज सुधार अभियान का आगाज मोतिहारी से होगा। इस अभियान के तहत मुख्यमंत्री की नशा मुक्ति, बाल विवाह उन्मूलन और दहेज प्रथा उन्मूलन को ले लोगों को जागरूक करेंगे। महिलाओं खासकर जीविका दीदियों से उनकी बात होगी। सभाएं भी होनी हैैं। इस क्रम में वह पंद्रह जनवरी तक सूबे के एक दर्जन जगहों की यात्रा करेंगे। इस क्रम में मुख्यमंत्री संबंधित क्षेत्र की विकास योजनाओं की भी समीक्षा करेंगे।

नशा मुक्ति के संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर विशेष चर्चा
समाज सुधार अभियान के तहत मुख्यमंत्री शराब के दुष्प्रभावों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट पर विशेष रूप से चर्चा करेंगे। वर्ष 2018 में डब्ल्यूएचओ ने ग्लोबल स्टेट्स रिपोर्ट आन अल्कोहल एंड हेल्थ जारी किया। इस रिपोर्ट में यह कहा गया हैै कि वर्ष 2016 में शराब के कारण विश्व भर में तीस लाख से अधिक की मृत्यु हुई। यह कुल मौत का 5.3 प्रतिशत है। शराब की वजह से युवाओं में मृत्यु दर बूढ़े लोगों की अपेक्षा अधिक है। बीस से उनचालिस (39) आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब के कारण होती है। शराब के कारण मृृत्यु टीबी, एचआईवी, एड्स और मधुमेह से होने वाली मृत्यु से अधिक है।

बाल विवाह व दहेज की कुरीतियों पर खास विमर्श
समाज सुधार अभियान के तहत बाल विवाह व दहेज प्रथा की कुरीतियों पर भी लोगों के साथ विमर्श करेंगे मुख्यमंत्री। वह बताएंगे कि बाल विवाह लड़कियों के शारीरिक, मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक विकास को प्रभावित करता है। कम उम्र में गर्भधारण लड़कियों की समस्या को कई गुना बढ़ा देता है। दहेज प्रथा एक ऐसी सामाजिक कुरीति है जो कानूनन अपराध होने के बावजूद समाज में व्याप्त है। दहेज प्रथा की वजह से समाज में लड़कियों को उनके जन्म से ही बोझ समझा जाता है। उन्हें लड़कों की तुलना में बेहतर जीवन शैली नहीं मिल पाती।

 

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