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ध्वनि प्रदूषण के चलते बढ़ रहा है बहरापन,जागरूक रहें-न करें स्वास्थ्य से खिलवाड़

रायपुर
ध्वनि प्रदूषण के चलते बढ़ रहे बहरेपन के खतरे को भांपते हुए लोगों को जागरूक करने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा हर वर्ष 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस विश्व श्रवण दिवस 2022 का विषय है – जीवन के लिए सुनना, सावधानी से सुनना..। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व कान नाक गला रोग विशेषज्ञों की संस्था रायपुर के द्वारा 3 मार्च को एक वेबिनार का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें विशेषज्ञ वक्ता अपना व्याख्यान देंगे और लोगों को बहरेपन से बचने के बारे में , ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

यह जानकारी पत्रकारवार्ता में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर के अध्यक्ष डॉ विकास कुमार अग्रवाल,डॉ अनिल जैन, अध्यक्ष एओआई रायपुर चैप्टर तथा चेयरमैन, हॉस्पिटल बोर्ड, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर,डॉ दिग्विजय सिंह, सचिव इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर तथा सह सचिव एओआई रायपुर चैप्टर ने संयुक्त रूप से दी। उन्होने कहा कि आज हर कोई प्रदूषण की बात कर रहा है। बढ़ते आधुनिकीकरण और शहरी जीवन शैली बढ़ते हुए प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। हम हर तरह के प्रदूषण के लिए बहुत गंभीरता पूर्वक विचार करते हैं, परंतु ध्वनि प्रदूषण के बारे में बहुत ज्यादा बात नहीं हो पाती है, जबकि ध्वनि प्रदूषण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर असर डालता है। बढ़ता औद्योगिकीकरण और आधुनिक जीवन शैली ध्वनि प्रदूषण को बढ़ाने का बहुत बड़ा कारण है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ध्वनि का 55 डेसिबल से अधिक का स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। आज हम जहां निकल जाएं, वहां सिर्फ शोर ही शोर है। चाहे वह ट्रैफिक हो, उद्योग हो, सामाजिक समारोह हो। तेज ध्वनि सभी को परेशान करती है , परंतु उसे कम करने के बारे में गंभीरता पूर्वक कोई पहल नहीं होती। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ध्वनि की तीव्रता का स्तर घर के अंदर दिन में 45 तथा रात में 35 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए तथा घर के बाहर यह तीव्रता दिन में 55 और रात में 45 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। चौक चौराहों व ट्रैफिक में यह तीव्रता 70 से 80 डेसिबल और कई बार उससे भी अधिक पाई जाती है ,जो बहुत घातक है। उद्योगों में भी ध्वनि की तीव्रता 75 डेसिबल से अधिक पाई जाती है और सामाजिक समारोह में बजने वाले संगीत, डीजे और धुमाल की तीव्रता तो कहीं अधिक होती है, जो पूरे मकान तक को हिला देती है ।

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