योगी आदित्यनाथ सरकार की वापसी से खौफ, 15 दिन में 50 अपराधियों का सरेंडर; अपराध छोड़ने की खाई कसम
लखनऊ
योगी आदित्यनाथ सरकार की सत्ता में एक बार फिर से वापसी होने के बाद सूबे का माहौल बदला हुआ है। 10 मार्च को विधानसभा चुनाव नतीजों में भाजपा को बंपर जीत मिलने के बाद से अब तक 50 अपराधी सरेंडर कर चुके हैं। इन अपराधियों को डर था कि उनका एनकाउंटर हो सकता है या फिर बुलडोजर से घर ढहाया जा सकता है। यही नहीं कई अपराधियों ने तो गले में कार्ड लटका रखा था, जिसमें लिखा था कि मैं सरेंडर कर रहा हूं। कृपया गोली न चलाएं। राज्य के पुलिस थानों में कई अपराधी चलकर गए और सरेंडर कर दिया। माना जा रहा है कि योगी सरकार की वापसी के खौफ में अपराधी ऐसा कर रहे हैं।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि इन 50 अपराधियों ने न सिर्फ सरेंडर किया है बल्कि अपराध छोड़ने की भी बात कही है। इन 15 दिनों में दो अपराधियों के एनकाउंटर में गोली लगी है। इसके अलावा 10 अन्य को गिरफ्तार किया गया है। कुमार ने कहा कि सूबे में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बेहतर करने के लिए माइक्रो प्लानिंग की जा रही है। सूबे के हर हिस्से के लिए अलग से प्लानिंग हो रही है ताकि अपराधियों के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि एक तरफ माफिया के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है तो वहीं विजिलेंस भी बढ़ाया गया है। 112 पेट्रोलिंग को भी मजबूती दी गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 2017 के बाद से अब तक इसी नीति के चलते कोई दंगा नहीं हो सका है। योगी सरकार की वापसी के बाद सबसे पहले गौतम सिंह ने सरेंडर किया था, जिसे पर अगवा करने और फिरौती का केस था। उसने गोंडा जिले के छपिया थाने में 15 मार्च को सरेंडर किया था। इसके अलावा सहारनपुर जिले के चिल्काना पुलिस थाने में 23 अपराधी सरेंडर कर चुके हैं। यही नहीं इनका कहना है कि अब वे कोई अपराध नहीं करेंगे। वहीं सहारनपुर के ही देवबंद में शराब की तस्करी से जुड़े 4 अपराधियों ने सरेंडर किया है। इन लोगों ने तो हलफनामा देकर कहा है कि अब कोई अपराध नहीं करेंगे।
कुख्यात अपराधी ने गले में तख्ती लटकाकर किया सरेंडर
सहारनपुर के पड़ोसी जिले शामली में भी ऐसी ही स्थिति है। यहां गोतस्करी के 18 अपराधियों ने थानाभवन और गढ़ीपुख्ता थाने में पहुंचकर सरेंडर किया है। फिरोजाबाद में कुख्यात अपराधी हिमांशु उर्फ हनी ने तो गले में प्लेकार्ड लटकाकर सरेंडर किया कि पुलिसवाले उसे गोली न मारें।