शिकायत मिलते ही गायब हो जाती हैं फाइलें, एलडीए में चल रहा ऐसा खेल
लखनऊ
फर्जीवाड़े की शिकायत मिलते ही एलडीए के 40 भूखंडों के दस्तावेज गायब हो गए हैं। इनकी फाइलें नहीं मिल रही हैं। डिस्पोजल रजिस्टर भी लापता है। कुछ पुराने रजिस्टर मिले हैं जिनमें इन भूखंडों का विवरण ही नहीं दर्ज है। कंप्यूटर से भी दस्तावेज गायब हैं। अब इसको लेकर एलडीए में खलबली मची है।
एलडीए अधिकारियों को गोमती नगर के करीब 40 भूखंडों में फर्जीवाड़े की शिकायत मिली थी। प्राधिकरण ने शिकायत मिलने के बाद जैसे ही इसकी जांच शुरू कराई इनके दस्तावेज ही गायब होने लगे। जब तक अधिकारी जांच शुरू करते तब तक सभी भूखंडों के दस्तावेज गायब हो गए। अब अधिकारियों को ढूंढे ही कोई पेपर नहीं मिल पा रहा है। कंप्यूटर तथा डिस्पोजल रजिस्टर पर भी विवरण गायब कर दिया गया है। कुछ भूखंडों के डिस्पोजल रजिस्टर मिले हैं लेकिन उनमें नाम किसी और का चढ़ा है। जबकि रजिस्ट्री किसी और की हुई है। कंप्यूटर पर भी दूसरे का नाम दर्ज है। इससे पता चला कि इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। लेकिन फाइलें न मिलने की वजह से प्राधिकरण अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा है। हालांकि इनमें से तीन मामले के सही होने की बात है। बाकी सभी में फर्जीवाड़े की पूरी आशंका है। फिलहाल अधिकारियों को दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। तमाम भूखंडों के विवरण कंप्यूटर से भी गायब कर दिए गए हैं। जिसकी वजह से अधिकारी परेशान हैं।
किन भूखंडों में क्या मिली गड़बड़ियां
विनम्र खंड का भूखंड 1/ 275 कंप्यूटर में वसीम के नाम दर्ज है जबकि डिस्पोजल रजिस्टर पर सिराज अहमद के नाम आवंटित दिखाया गया है। 1/327 का कंप्यूटर पर विवरण दर्ज नहीं है जबकि डिस्पोजल रजिस्टर पर रामविलास शुक्ला का नाम है। 3/ 222ए ट्विटर पर अनुज अवस्थी दर्ज है जबकि डिस्पोजल रजिस्टर पर किसी का नाम नहीं है। 3/250 का कहीं कोई विवरण ही नहीं है।
वास्तु खंड के 3/ 564 नंबर का भूखंड कंप्यूटर में रईसा खातून के नाम दर्ज है लेकिन डिस्पोजल रजिस्टर में किसी का नाम नहीं है। 3/583 कंप्यूटर में संत राम अवध मौर्य के नाम है। डिस्पोजल पर नाम ही नहीं है। 3/358 कंप्यूटर में दर्ज नहीं है लेकिन डिस्पोजल रजिस्टर पर प्रमिला गेहानी नाम दर्ज है। 3/360 कंप्यूटर में ओमप्रकाश खतना के नाम है जबकि डिस्पोजल पर अवधेश कुमार पटेल के नाम दर्ज है। विराज खंड का भूखंड 2/80 कंप्यूटर में संतोष कुमार के नाम है लेकिन डिस्पोजल पर खाली है। 2/81 टि्वटर पर शिवानी रस्तोगी के नाम है लेकिन डिस्पोजल पर खाली है। 2/63 एच श्रीराम बधाई के नाम है लेकिन डिस्पोजल पर आशा लाल लिखा है और इसे दूसरी जगह समायोजित बताया गया है।