राज्य

मितानिनों की मांग पर विचार करने स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री को भेजा प्रस्ताव

रायपुर
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री बघेल को विभागीय प्रस्ताव भेजकर लगभग 2 हफ्तों से हड़ताल पर बैठी मितानिनों के प्रति चिंता व्यक्त की है।उन्होंने अपने प्रस्ताव में प्रदेश में कार्यरत लगभग 72 हजार मितानिनों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल को लिखा है कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत मितानिन बहनें विगत 13 दिनों से धरने पर बैठे हैं (जिन्हें हम स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी कहते हैं) लगभग 40 डिग्री से अधिक तापमान में और रात्रि में असुविधाओं के साथ मच्छर इत्यादि की समस्याओं के बाद भी अपनी मांगों को लेकर धरना स्थल पर बैठे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी ओर से अनौपचारिक चचार्ओं का माध्यम भी बना रखा है और इन्हें समझाईस देकर अत्यधिक परेशानियों का वहन न कर हड़ताल से वापस जाने का सुझाव दे रहे हैं।

गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव मितानिनों के विषय पर पूर्व में 2 बार वित्त विभाग को पत्र लिख चुके हैं जोकि किन्हीं कारणों से लंबित रहा है। इसके अतिरिक्त सिंहदेव ने मितानिनों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात कर उनकी मांगों पर विस्तृत चर्चा की है और इस चर्चा से प्राप्त जानकारी को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने महत्वपूर्ण सुझावों का प्रस्ताव लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजा है।

इस प्रस्ताव में स्वास्थ्य मंत्री  सिंहदेव ने लिखा है कि मितानिन बहनों से स्वास्थ्य कार्यों के अतिरिक्त भी प्रशासन अन्य कई कार्य लेता है और इनका सेवाकाल भी दिन में 8 घंटे से अधिक होता है। कई अवसरों पर रात-बे-रात आपातकालीन चिकित्सकीय सेवा देना पड़ता है। इस विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल से निवेदन किया है कि मितानीन बहनों के अथक परिश्रम और स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी योगदान को ध्यान में रखते हुए शासन की ओर से व्यवहारिक पहलुओं में विचार किया जाना चाहिए।

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