राज्य में तीन वर्षों में 1,715 नये उद्योग स्थापित 19,500 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश 33 हजार लोगों को मिला रोजगार
रायपुर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 26वीं कड़ी में आज ''सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबारÓÓ विषय पर प्रदेशवासियों से बात-चीत की। मुख्यमंत्री श्री बघेल की रेडियोवार्ता लोकवाणी की 26वीं कड़ी का प्रसारण आज छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से प्रात: 10.30 से 11 बजे तक किया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्योग, व्यापार और कारोबार के लिए अनुकूल वातावरण है। उन्होंने कहा कि संभावनाओं से भरपूर छत्तीसगढ़ में देश और दुनिया के निवेशक आकर देखें कि यहां उद्योग मित्र, व्यापार मित्र, कारोबार मित्र, उपभोक्ता मित्र, पर्यटक मित्र, रोजगार मित्र नीतियों से कैसे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ा जा रहा है। राज्य में हमने शुरू से ही ऐसे कार्यों को महत्व दिया है, जिससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए और रोजगार के अवसर बढ़ें।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे पुरखों ने यह सपना देखा था कि जब हमारा अपना छत्तीसगढ़ राज्य बनेगा, तब यहां कोई बेरोजगारी नहीं होगी। इसी ध्येय को ले करके हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में सभी को आजीविका और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पहल की जा रही है। वन क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, सरकारी क्षेत्र, अद्र्धसरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र, जहां भी रोजगार के अवसर दिख रहे हैं, वहां हमारी सरकार योजना बना कर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारे फैसलों से गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। उसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को मिला। निश्चित तौर पर सबके सहयोग से हम छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने औद्योगिक नीति 2019-2024 की घोषणा की थी, जिसमें फूड, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, दवा, सोलर जैसे नए उद्योगों को प्राथमिकता दी गई थी। हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में सेवा क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिले। इसके लिए पर्यटन के अलावा अन्य कार्यों को भी चिन्हांकित किया गया है। एम.एस.एम.ई. सेवा श्रेणी उद्यमों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, सेवा केन्द्र, बी.पी.ओ., 3-डी प्रिंटिंग, बीज ग्रेडिंग इत्यादि 16 सेवाओं को सामान्य श्रेणी के उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा कि बहुत से मेडिकल उपकरण तथा सामग्री स्थानीय स्तर पर ही बनाए जा सकते हैं, इसलिए इन्हें भी उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया है।
औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन नियमों का सरलीकरण किया गया था, जिसके अनुसार औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में भू-भाटक में 33 प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों एवं औद्योगिक क्षेत्रों से बाहर 10 एकड़ तक आबंटित भूमि को लीज़ होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने हेतु नियम तैयार कर अधिसूचना जारी की गई। ऐसे प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों में 1 हजार 715 नए उद्योग स्थापित हुए, जिसमें 19 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ तथा 33 हजार लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा 149 एमओयू भी किए गए हैं, जिसमें 74 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा और 90 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। हमने बायो एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 18 निवेशकों के साथ 3 हजार 300 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिए एमओयू किया है, जिसमें 2 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। हमने तो धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति भी केन्द्र सरकार से मांगी है। यदि यह अनुमति मिल गई तो धान के बम्पर उत्पादन को सही दिशा में उपयोग करते हुए हम बड़े पैमाने पर एथेनॉल बना सकते हैं और इससे बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का अवसर भी बना सकते हैं। इससे हम धान उत्पादक किसानों को बेहतर दाम दिलाने और उनकी माली हालत में लगातार सुधार के रास्ते भी बना सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने उद्योगों की सुगमता पर भी जोर दिया है। निश्चित तौर पर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मापदण्ड विश्व बैंक द्वारा तय किए जाते हैं। इससे पता चलता है कि किसी देश अथवा किसी राज्य में कामकाज की सुगमता की क्या स्थिति है। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मापदण्डों में हमारा छत्तीसगढ़ देश के प्रथम 6 राज्यों में शामिल है। उद्योग विभाग द्वारा एकल खिड़की प्रणाली से 56 सेवाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं। ई-डिस्ट्रिक्ट के अंतर्गत 82 सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं, जिसमें दुकान पंजीयन से लेकर कारोबार के लायसेंस तक शामिल हैं। हमने गुमाश्ता एक्ट के अंतर्गत हर साल नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त किया ताकि छोटे व्यापारियों को राहत मिले। सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ई-मानक पोर्टल संचालित किया जा रहा है। इस तरह से राज्य में उद्योग, व्यापार और कारोबार का फ्रैंडली वातावरण बना है। इस तरह के सुधार किए जाने से लोगों का काफी समय बच रहा है। पहले जो समय दफ्तरों के चक्कर काटने में बिताना पड़ता था, उसका उपयोग अब लोग अपने काम-धंधे में कर रहे हैं। हमने छोटे भू-खण्डों की खरीदी और बिक्री पर पूर्व में, शासन द्वारा लगाकर रखी गई रोक को हटाने का निर्णय लिया था और कहा था कि इससे भी कारोबार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
पर्यटन से भी राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के नये अवसर बनेंगे। हम जिस वातावरण में पले-बढ़े हैं, उसमें हमारे पुरखों और माता-पिता से हमें धार्मिक सद्भाव और सांस्कृतिक एकता के संस्कार मिले हैं। आस्था के कारण हमारे मन में किसी स्थान पर दर्शन हेतु जाने की इच्छा पैदा होती है। आस्था से आत्मबल मजबूत होता है और ऐसे पर्यटन पर होने वाला खर्च लोगों को संतोष देता है इसलिए हमने आस्था स्थलों के विकास की रणनीति अपनाई है। इससे नए-नए स्थानों पर अधोसंरचना का विकास होता है। इसमें जो सामग्री लगती है, उससे स्थानीय स्तर पर उद्योग व्यापार पनपता है। स्थानीय सामग्री का वेल्यू एडीशन होता है। स्थानीय उत्पादों को अच्छा दाम मिलता है। राम वन गमन पथ के अंतर्गत कोरिया से लेकर सुकमा जिले तक 75 स्थानों का चिन्हांकन किया गया है। प्रथम चरण में 9 स्थानों का विकास किया जा रहा है। चन्दखुरी-जिला रायपुर में माता कौशल्या मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया है, जिसके कारण यहां बड़े पैमाने पर पर्यटक पहुंचने लगे हैं।
कोरोना काल में हमने सिर्फ छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि यहां से गुजरकर दूसरे राज्यों को जाने वाले मजदूरों की भी मदद की है। हमने अपने राज्य के मजदूरों के खाने-पीने, ठहरने, गांवों में क्वारंटाइन होने, जांच और उपचार की व्यवस्था के अलावा उन्हें अपने ही राज्य में रोजगार दिलाने के उपाय किए थे। हमारे बेहतर प्रबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली थी। उसी समय हमने घोषणा की थी कि प्रवासी श्रमिकों के लिए नीति बनाएंगे। इस तरह हमने छत्तीसगढ़ प्रवासी श्रमिक नीति 2020 को तैयार कर अधिसूचित किया है। इस नीति के तहत वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीयन किया गया। पलायन पंजी के ऑनलाइन संधारण की व्यवस्था की गई है। हम संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों के कल्याण की योजनाएं संचालित कर रहे हैं। श्रमिकों के परंपरागत कौशल को नवीन ज्ञान से संवारने हेतु उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। हम छत्तीसगढ़ में ऐसे अवसर पैदा कर रहे हैं कि हमारे प्रदेश के श्रमिकों को अन्य प्रदेशों में जाना ही नहीं पड़े। उनका कौशल और मेहनत राज्य के विकास के काम आए। भारत सरकार द्वारा असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिए जो ई-श्रम पोर्टल बनाया गया है। उसमें भी हमने 64 लाख श्रमिकों का पंजीयन करते हुए देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हमने कारखाना अधिनियम के तहत कामगारों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी है। इसके अलावा दो नई योजनाओं की घोषणा 26 जनवरी के अवसर पर की है। प्रत्येक जिला मुख्यालय तथा विकासखण्ड स्तर पर 'मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्रÓ की स्थापना की जाएगी।