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‘हिंदू राष्ट्र घोषित हो भारत’, प्रयागराज ‘धर्म संसद’ में प्रस्ताव हुआ पारित

प्रयागराज
संगम नगरी प्रयागराज में 'धर्म संसद' का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों की संख्या में साधु-संतों शामिल हुए। इस दौरान साधु-संतों ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने समेत तीन प्रस्ताव पारित किए। संतों ने कहा कि जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा, तबतक विश्व गुरु बनने का मार्ग प्रशस्त नहीं हो सकेगा। बता दें, 'धर्म संसद' का आयोजन शनिवार 29 जनवरी को प्रयागराज में स्थित बह्मर्षि आश्रम में हुआ।

 साधु-संतों की उपस्थिति में कहा गया कि देश की सवा सौ करोड़ जनता स्वयं घोषित करें कि भारत हिंदू राष्ट्र है और आज से वह लिखना शुरू करें तभी यह आंदोलन बड़ा होगा। अंत में सरकार संतों और आम जनता के दबाव के आगे झुकेगी क्योंकि संत सम्मेलन का लक्ष्य भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है और इस्लामिक जिहाद को दूर करना है। इस दौरान संतों द्वारा भारत में मुसलमानों का अल्पसंख्यक दर्जा समाप्त करने की मांग की गई।

इसके अलावा हिंदुओं के मठ मंदिर का अधिग्रहण खत्म करने समेत कई प्रस्ताव पारित किए गए। साधु संतों ने कहा कि जेल में बंद दोनों धर्मगुरुओं नरसिंहानंद गिरी महाराज और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को जल्द से जल्द जेल से छोड़ा जाए। दोनों धर्मगुरुओं को बिना शर्त रिहा किया जाए। संतों का आरोप था कि जिला प्रशासन ने संतो को फोन करके सम्मेलन में नहीं आने दिया और कई तरह से बाधा खड़ी की।

शनिवार को प्रयागराज में आयोजित 'धर्म संसद' का नाम प्रशासन के दबाव में बदलकर संत सम्मेलन किया गया था। क्योंकि प्रशासन धर्म संसद होने की इजाजत नहीं दे रहा था। इसके बाद इसका नाम बदलकर संत सम्मेलन किया गया।
 

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