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जय जवान, जय किसान के प्रणेता को शास्त्री को मुख्यमंत्री व विस अध्यक्ष ने किया स्मरण

रायपुर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। बघेल ने शास्त्री जी के योगदान को याद करते हुए कहा है कि शास्त्री जी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अतुल्य योगदान दिया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महत्वपूर्ण आन्दोलनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही और इसके कारण उन्हें कई बार  जेल भी जाना पड़ा। शास्त्री जी के काम के प्रति दृढ़ इच्छा शक्ति उनके निर्णयों और कार्यों में दिखाई देती है। उनके जय जवान-जय किसान के नारे ने जवानों के बलिदान के साथ अन्नदाता किसानों की मेहनत को भी सम्मान दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्री जी ने अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया, उनके जीवन मूल्य हमेशा सब को प्रेरित करते रहेंगे।

छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर उन्हें स्मरण करते हुए नमन किया। विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा लाल बहादुर शास्त्री एक प्रसिद्ध भारतीय राजनेता, महान् स्वतंत्रता सेनानी और जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। वे एक ऐसी हस्ती थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में देश को न सिर्फ सैन्य गौरव का तोहफा दिया बल्कि हरित क्रांति और औद्योगीकरण की राह भी दिखाई। शास्त्री जी किसानों को जहां देश का अन्नदाता मानते थे, वहीं देश के सीमा प्रहरियों के प्रति भी उनके मन में अगाध प्रेम था जिसके चलते उन्होंने जय जवान, जय किसान का नारा दिया। 1964 में जब वह प्रधानमंत्री बने थे तब देश खाने की चीजें आयात करता था। उस वक्त देश उत्तरी अमेरिका पर अनाज के लिए निर्भर था। 1965 में पाकिस्तान से जंग के दौरान देश में भयंकर सूखा पड़ा। उन्होंने अपने प्रथम संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता खाद्यान्न मूल्यों को बढ?े से रोकना है। तब के हालात देखते हुए उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की। इन्हीं हालात से उन्होंने हमें जय जवान जय किसान का नारा दिया।

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