खराब सड़क से मौत मामले में 23 साल बाद इंसाफ, अदालत ने डीएम और एक्सईएन को ठहराया कसूरवार
देवरिया
सड़क हादसे के 23 साल पुराने मामले में अपर जिला जज अजय कुमार ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। जज ने दुर्घटना के लिए डीएम और लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को उत्तरदायी ठहराया। दायित्व के निर्वहन में लापरवाही पाए जाने पर अदालत ने डीएम व अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी को हादसे में जान गंवाने वाले युवक के परिजनों को चार लाख रुपये ब्याज सहित मुआवजा देने का आदेश दिया है।
31 दिसंबर 1998 को 8 बजे रात्रि में गौरीबाजार के आजाद चौक के रहने वाले रविंद्र कुमार गुप्ता बाइक से हाटा गौरी बाजार मार्ग पर घर आ रहे थे। सड़क के बीच रखे गए साइफन से टकरा जाने के कारण घटनास्थल पर ही उनकी मृत्यु हो गई थी। मृतक की पत्नी विमला गुप्ता व उनके पुत्र व पुत्रियों ने डीएम और उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता पर क्षतिपूर्ति का मुकदमा दाखिल किया। सिविल जज की अदालत ने 11 जनवरी 2016 को मुकदमा खारिज कर दिया। इसके विरुद्ध विमला गुप्ता ने जिला जज के न्यायालय में अपील दायर की। जिला जज ने पत्रावली की सुनवाई करते हुए अपर जिला जज अजय कुमार के न्यायालय में अंतरित कर दी।