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बोल बम और भोलेनाथ के जयकारों के साथ आस्था व भक्ति से सरोबार रहा कांवड़ यात्रा

रायपुर
रायपुर पश्चिम विधानसभा शुक्रवार को पूरी तरह से शिव की भक्ति व आस्था से सरोबार रहा। अवसर था विधायक विकास उपाध्याय की अगुवाई में आयोजित कांवड़ यात्रा का,जिसमें स्वंय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित हजारों लोग शामिल हुए। नेता,व्यापारी से लेकर आम आदमी के बीच कोई दूरियां नहीं थी सभी लोग समान रूप से भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगा रहे थे। सावन के पवित्र माह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर गुढिय़ारी स्थित मारूति मंगलम परिसर में आयोजित भव्य कांवड़ यात्रा कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने यात्रा के शुभारंभ में मंत्रोच्चार और विधि-विधान से कांवड़ पूजा की और कांवड़ यात्रा की अगुवाई कर श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने इसके पूर्व मच्छी तालाब हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की मंगल कामना की। मंदिर समिति के सदस्यों ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय भी सपरिवार शामिल रहे। हजारों की संख्या में महिला-पुरुष भक्तजन भजन की धुन पर थिरकते हुए श्रद्धालु कांवड़ लेकर शामिल हुए। कांवड़ यात्रा का आयोजन रायपुरा महादेव घाट हटकेश्वर मंदिर तक किया गया है। पूरे मार्ग पर आज केवल भगवाधारी भक्तजन ही नजर आ रहे थे। सुरक्षागत कारणों से पुलिस ने भी तगड़ी व्यवस्था कर रखी थी।

बोल बम और भोलेनाथ के जयकारों के साथ गुढिय़ारी से कांवड़ यात्रा निकाली गई। सैकड़ों महिलाएं ,पुरूष व बच्चे कांधे पर कांवड़ रखकर उत्साह से शामिल हुए। विधायक विकास उपाध्याय के नेतृत्व में यात्रा मार्ग पर व्यापक तैयारी की गई थी। तेज धूप को देखते हुए जगह-जगह पानी व फलहाली प्रसाद की व्यवस्था भी की गई थी। उपाध्याय स्वंय भी पैदल चल रहे थे। 2018 में विधायक बनने के बाद विकास उपाध्याय ने अगले ही साल 2019 में पश्चिम विधानसभा से कांवड़ यात्रा निकालने की शुरूआत की थी, तब हजारों की संख्या में लोग इस यात्रा में सम्मिलित होकर पूरे क्षेत्र को शिवभक्ति में लीन कर दिया था। इसके पश्चात् दो वर्षों तक कोरोना काल के चलते यह यात्रा स्थगित रही।

दो वर्षों से हजारों भक्तगण कावड़ यात्रा में सम्मिलित होने से वंचित थे, इसलिए इस बार इस यात्रा में विशेष इंतजाम किए गए। गुढिय़ारी से लेकर 15 किलोमीटर दूर महादेव घाट तक कई जगहों पर पुष्पवर्षा से भक्तजनों का स्वागत किया जा रहा था। भोलेनाथ के बारात की तैयारी में जैसे वेशभूषा लिए नर्तक दल भी ढोल धमाल के साथ नाचते गाते चल रहे थे।

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