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ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में लालू यादव दोषी करार

रांची

देश के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े (डोरंडा ट्रेजरी से 139 करोड़ रुपये के गबन) केस में मंगलवार को फैसला आ गया। सीबीआई की विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को दोषी करार दिया है। इस मामले में सजा का ऐलान 21 फरवरी को होगा।  

कोर्ट ने 29 जनवरी को मामले में दलीलें पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रसाद इससे पहले चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा काट चुके हैं। विशेष सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के न्यायाधीश एस के शशि की अदालत ने प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की थी, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी।

 लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि 21 फरवरी को सजा पर सुनवाई होगी। हमने दर्खास्त की है उनकी(लालू प्रसाद यादव) तबियत ठीक नहीं है, जेल प्राधिकरण को निर्देश दिया जाए कि उन्हें रिम्स में शिफ्ट किया जाए।

अंतिम आरोपी डॉ शैलेंद्र कुमार की ओर से बहस 29 जनवरी को पूरी हुई। सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया था।

मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं और छह फरार हैं। प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ के एम प्रसाद मुख्य आरोपी हैं। लोक लेखा समिति के दो पूर्व अध्यक्ष जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत को 3 साल से कम सजा हुई है, जिन्हें आज वेल हो जायेगी।

राजद सुप्रीमो, जिन्हें 14 साल जेल की सजा सुनाई गई और कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, को दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े चार मामलों में जमानत मिल गई है।

बता दें कि इससे पहले चारा घोटाले के 4 मामले (देवघर के एक, दुमका ट्रेजरी के दो अलग-अलग और चाईबासा ट्रेजरी से संबंधित दो मामलों में) लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं। अभी पहले के सभी मामलों में जमानत पर बाहर हैं।

गौरतलब है कि चारा घोटाला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया। सीबीआई ने जून 1997 में प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया। एजेंसी ने प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए। सितंबर 2013 में, ट्रायल कोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में प्रसाद, मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया और प्रसाद को रांची जेल में कैद किया गया था।

दिसंबर 2013 में, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में प्रसाद को जमानत दे दी, जबकि दिसंबर 2017 में, सीबीआई अदालत ने उन्हें और 15 अन्य को दोषी पाया और उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया। इसके बाद झारखंड हाई कोर्ट ने प्रसाद को अप्रैल 2021 में जमानत दे दी।

क्या है यह मामला

डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का यह मामला पशुपालन घोटाला का 25 साल पुराना और सबसे बड़ा मामला (आरसी 47ए/96) है। और लालू प्रसाद से जुड़ा पांचवां और अंतिम मामला है। इससे पहले सीबीआई ने कोर्ट ने उन्‍हें चाईबासा कोषागार से जुड़े दो और देवघर व दुमका कोषागार से जुड़ू एक-एक मामले में दोषी करार दिया था। इन मामलों में सजा याफ्ता लालू प्रसाद जमानत पर हैं। सुनवाई के सिलसिले में लालू प्रसाद रविवार को ही रांची पहुंच गये थे और स्‍टेट गेस्‍ट हाउस में ठहरे हुए थे।

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