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CM भूपेश से मिलने आए महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन, छत्तीसगढ़ के गारे पेलमा सेक्टर-2 कोल ब्लॉक का मांगा क्लीयरेंस

 रायपुर
 

राजस्थान के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से कोयला उत्खनन के लिए क्लीयरेंस मांगा है। सीएम भूपेश बघेल से मिलने महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत रायपुर पहुंचे। ऊर्जा मंत्री ने सीएम से महाराष्ट्र की पॉवर प्लांटों को कोयले की आपूर्ति जारी रखने रायगढ़ जिले की गारे पेलमा सेक्टर-2 कोल ब्लॉक माइंस का क्लीयरेंस जारी करने का आग्रह किया। सीएम बघेल ने नियमानुसार मदद का आश्वासन दिया है।

बता दें कि मार्च महीने में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत छत्तीसगढ़ आए थे। उन्होंने कोयला नहीं मिलने पर राजस्थान में बिजली संकट की बात कही थी। अभी हाल ही में परसा कोल ब्लॉक में खनन की अनुमति मिली है, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। अडानी खनन कंपनी का ग्रामीणों ने जनरेटर व कैंप को तीन दिन पहले आग लगा चुके हैं। ग्रामीण हथियारों से लैस होकर आए, जिसके बाद पुलिस व प्रशासन की टीम पहुंची थी। सोमवार को सीएम हाउस में महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की गारे पेलमा कोल ब्लाक गारे पेलमा सेक्टर-2 महाराष्ट्र की विद्युत कंपनी (महाजेनको) को आवंटित है। महाराष्ट्र में बिजली उत्पादन के लिए कोयला की आपूर्ति इसी कोल ब्लाक से की जानी है, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।

कोल ब्लॉक का ग्रामीण कर रहे हैं विरोध
महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने सीएम भूपेश बघेल से कोल ब्लॉक से संबंधित सभी औपचारिकताओं को पूर्ण कराने का आग्रह करते हुए गारे पेलमा कोल ब्लॉक के लिए वन व्यपवर्तन और राज्य शासन की एनओसी का आग्रह किया है। उत्तर छत्तीसगढ़ की केलो नदी गारे पेलमा सेक्टर-2 से थोड़ी दूर पर घरघोड़ा ब्लॉक की एक पहाड़ी से निकलती है। ग्रामीण इस खनन का भी विरोध कर रहे हैं। बैठक में सीएम के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, उर्जा सचिव अंकित आनंद, महाराष्ट्र के विद्युत कंपनी (महाजेनको) के सीएमडी संजय खंडारे, डायरेक्टर पुरषोत्तम जाधव, एक्जिक्यूटिव डारेक्टर नितिन बाघ उपस्थित रहे।

 
2021 में वन भूमि डाइवर्जन की स्वीकृति
महाराष्ट्र सरकार को आवंटित 22 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता वाली गारे पेलमा सेक्टर-2 खदान रायगढ़ के तमनार ब्लॉक में है। इस खदान के लिए 214.869 हेक्टेयर वन भूमि को डाइवर्ट किया जाना है। वन विभाग 2021 में ही वन भूमि के डाइवर्जन की अनुशंसा कर चुका है। खदान शुरू होने से इस क्षेत्र का करीब 100 हेक्टेयर संरक्षित वन क्षेत्र खत्म हो जाएगा। यह क्षेत्र पहले से ही अत्यधिक खनन गतिविधियों से प्रभावित है।

6 हजार एकड़ खेती की जमीन प्रभावित
रायगढ़ जिले का गारे पेलमा सेक्टर-2 कोल ब्लॉक महाराष्ट्र को आवंटित है। इसका रकबा करीब 6 हजार 570 एकड़ है, जहां खनन होना है। खनन शुरू करने के लिए तमनार ब्लॉक के 26 गांवों की 6 हजार से भी ज्यादा किसानों की जमीन का अधिग्रहण होना है। एनओसी के बाद ग्रामीणों ने भारी विरोध किया था, जिसके बाद यह मामला लटक गया है। अब महाराष्ट्र सरकार ने एनओसी जल्द क्लीयरेंस का आग्रह किया है, जिसके बाद विरोध फिर बढ़ेगा।

 

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