राज्य

मार्कफेड कर्ज लेकर धान खरीदता है,केन्द्र नहीं देता पैसा-भूपेश

रायपुर
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के द्वारा पूछे गए सवाल का खाद्य मंत्री अमरजीत भगत जवाब दे रहे थे कि इस बीच मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षेप करते हुए उन्हें रोक दिया और कहा कि केंद्र सरकार धान खरीदी का कोई पैसा नहीं देती। इस पर भाजपा विधायक विधायक सौरभ सिंह ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार धान खरीदी में प्रोत्साहन की राशि देती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 के बाद केंद्र सरकार ने प्रोत्साहन राशि देना बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया इसके बाद सदन से वॉकआउट कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के सवाल का खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब देते हुए बताया कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के एवज में केन्द्र ने 51 हजार 563 करोड़ 47 लाख रुपए और राज्य सरकार ने 11 हजार 148 करोड़ 45 लाख रुपए का भुगतान किया। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हस्तक्षेप करते हुए भगत को जवाब देने से रोका और कहा कि केंद्र सरकार धान खरीदी का कोई पैसा नहीं देती, मार्कफेड कर्ज लेकर धान खरीदता है। मीलिंग के बाद जब केंद्र सरकार को चावल जमा होता है तो उसके एवज में केंद्र सरकार भुगतान करती है। जो धान केंद्रीय पूल में जाएगा, केंद्र सरकार उसी का पैसा देगी। जो स्टेट पूल अथवा नान को जाता है उसका पैसा राज्य सरकार को देना पड़ता है।

भाजपा विधायक विधायक सौरभ सिंह ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार धान खरीदी में प्रोत्साहन की राशि देती है। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद केंद्र सरकार ने प्रोत्साहन राशि देना बंद कर दिया है। प्रोत्साहन राशि तो केंद्र देती ही नहीं है। वह कहती है कि जो भी राज्य प्रोत्साहन राशि देंगे उनका चावल हम नहीं खरीदेंगे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने बोनस का वादा पूरा नही किया था। विपक्ष ने धान खरीदी में कुल 2500 रुपया नहीं मिलने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि प्रति एकड़ 15 क्विंटल लेने में भी कमी हो रही है केवल 14.80 क्विंटल धान लिया जा रहा। वहीं समर्थन मूल्य में प्रति एकड़ 9 हजार रुपए ही दिए जा रहे हैं। ऐसे में प्रति क्विंटल 19 रुपए और समर्थन मूल्य का 32 रुपए कम मिल रहा है। इस मामले को लेकर सदन में काफी देर तक हंगामा होते रहा, इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन का वॉकआउट कर दिया।

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