राज्य

लॉकडाउन के डर से प्रवासी श्रमिकों का पलायन शुरू, काम न मिलने से बढ़ रही परेशानी

गुरुग्राम
दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बाद दोबारा लॉकडाउन लगने की संभावनाओं के डर से प्रवासी कामगारों ने एक बार फिर पलायन शुरू कर दिया है। पलायन का ताजा नजारा मंगलवार को गुरुग्राम में देखा गया, जब कोविड पाबंदियों और लॉकडाउन के डर के बीच दिहाड़ी मजदूर घर लौटते दिखे। कोरोना महामारी की तीसरी लहर को काबू करने के लिए पहले लगाए गए नाइट कर्फ्यू और अब नई पाबंदियों ने प्रवासी मजदूरों की परेशानी और बढ़ा दी है। काम-धंधे प्रभावित होने और बीते साल लगाए गए लॉकडाउन में हुई दिक्कतों को देखते हुए प्रवासी श्रमिक अब अभी से पलायन करने लगे हैं। मंगलवार को सड़कों और बस अड्डे पर घर वापस लौटने वालों को भी देखा गया। इन लोगों को फिर से लॉकडाउन का डर सता रहा है। ड्राइवर का काम करने वाले अमरिंदर कुमार यादव ने बताया कि गुरुग्राम में कभी भी लॉकडाउन लग सकता है, इसलिए मैंने अपने मूल राज्य वापस जाने का फैसला किया है। कोविड पाबंदियों के कारण मुझे कोई काम नहीं मिल रहा है, बिना आमदनी के गुजारा करना मुश्किल है।

हरियाणा के आठ और जिलों में पाबंदियां लागू
कोविड-19 संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने बड़ी सभाओं जैसे रैलियों और विरोध प्रदर्शन पर सोमवार को प्रतिबंध लगा दिया तथा सिनेमाघरों और खेल परिसरों को बंद रखने समेत वर्तमान पाबंदियों को आठ और जिलों तक बढ़ा दिया। हरियाणा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से सोमवार को जारी आदेश में कहा गया कि यह प्रतिबंध 19 जनवरी सुबह पांच बजे तक लागू रहेंगे। आदेश में कहा गया कि राज्य में जनसभाओं, रैलियों, धरना, विरोध प्रदर्शन इत्यादि पर रोक लगा दी गई है। इसके अनुसार सिरसा, रेवाड़ी, जींद, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़, कैथल, भिवानी और हिसार- इन आठ जिलों में भी पाबंदियां लागू कर दी गई हैं।

हरियाणा में 26 जनवरी तक स्कूल बंद
सरकार ने कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रदेश के सभी स्कूल तथा कॉलेजों को आगामी 26 जनवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने मंगलवार को बताया कि इस दौरान ऑनलाइन क्लास जारी रहेंगी, जिसमें स्कूल व कॉलेज आगामी परीक्षा की तैयारी पर केंद्रित होकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे। ज्ञात हो कि इससे पहले राज्य सरकार ने 3 से 12 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया था।  बता दें कि, कोरोना की पहली लहर के दौरान लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर प्रवासी श्रमिकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी, जिसे काबू करने के पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।

 

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