सूबे में चार लाख से अधिक ग्रामीण जल्द पाएंगे घरौनी प्रमाण पत्र
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को योगी सरकार एक बड़ा उपहार देने जा रही है। इसके तहत सरकार ग्रामीणों को स्वामित्व योजना के तहत उनके आवास का मालिकाना हक प्रदान करने वाला दस्तावेज मुहैया करवाएगी। राज्य में चार लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की तैयारी है। जल्दी ही (इसी माह) एक भव्य समारोह आयोजित कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। दरअसल ग्रामीण इलाकों में लोग काफी लंबे समय से इसकी मांग करते रहे हैं। अब योगी सरकार ने इस मांग को पूरा करने के लिए कदम बढ़ा दिया है।
दरअसल बीते साल 23 दिसंबर तक प्रदेश में स्वामित्व योजना के तहत 27 लाख 47 हजार ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जा चुका है। अब इसी क्रम में इस माह चार हजार गांवों के चार लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र मुहैया कराए जाने की तैयारी राजस्व बोर्ड कर रहा है। ग्रामीणों को घरौनी दस्तावेज मुहैया कराने के मामले में यूपी देश में सबसे आगे है। बीते साल 12 अक्टूबर को इस योजना की शुरुआत हुई थी। इसके तहत खेतों की खतौनी की तर्ज पर राजस्व बोर्ड ग्रामीणों की आवासीय संपत्ति के मालिकाना हक का दस्तावेज तैयार करा रहा है।
डिजिटल मानचित्र के जरिये राज्य के करीब एक लाख गांवों में ग्रामीण आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी प्रमाण पत्र ) तैयार किया जाना है। प्रदेश के सभी जिलों में गांवों का ड्रोन की मदद से सर्वे कर डिजिटल मानचित्र तैयार किया जा रहा है। अब तक 70 से अधिक ड्रोन के जरिए 15,940 गांवों का सर्वे कराकर, 27 लाख 47 हजार ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र दिया जा चुका है। गाँवों में आबादी का मालिकाना प्रमाण पत्र घरौनी को अब गाँवों में पहचान मिल गई है।
राजस्व बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, घरौनी प्रमाण पत्र के माध्यम से ग्रामीण बैंकों से लोन प्राप्त कर सकते हैं। अभी तक ग्रामीणों को उनके मकान पर बैंक लोन नहीं देते थे, क्योंकि गांव में बने ग्रामीणों के मकान का कोई मालिकाना हक साबित करने वाला दस्तावेज उनके पास नहीं था। जिसका संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर तैयार की गई स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आबादी में बने घरों के असली मालिकों को योगी सरकार उनका मालिकाना हक दे रही है।