खलनायक बने मौसम के चलते धान खरीदी बंद, बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त
देवभोग
एक दिसंबर से 31 जनवरी तक राज्य शासन ने धान खरीदी की तारीख तय की है। अब तक लगभग कुल 30 दिनों की खरीदी हो चुकी है। जिसमें से भी बारिश व खराब मौसम के चलते चार या पांच दिन धान खरीदी नहीं हो पाई है।
सरकार ने 31 जनवरी तक धान खरीदने का तिथि निर्धारित की है जिसके चलते 13 दिन की खरीदी ही शेष बची है ।ऐसे में किसानों को यह डर सताने लगा है कि क्या नियत तिथि तक सरकार बचे हुए धान को खरीद पाएगी या नहीं यह सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है ।क्योंकि मौसम विभाग के अनुसार बारिश की संभावना अभी भी बनी हुई है ।ऐसे में सरकार अगर बारिश होती है तो नियत तिथि तक किसानों का धान को खरीद पाएगी या नहीं और जिले में दो दिनों से आसमान छाई हुई है और बूंदाबांदी हो रही है कहीं कहीं तो तेज बारिश भी हो रही है ।सप्ताह भर पहले बेमौसम बारिश के चलते खुले आसमान के नीचे रहे धान खराब भी हो चुके हैं।
जिले के कलेक्टर ने धान खरीदी केंद्र प्रभारियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी जिले के उपार्जन केंद्र की सतत मॉनिटरिंग करने को निर्देश भी दिए हैं। कलेक्टर ने धान खरीद से जुड़े सभी अधिकारियों को अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन करने का कहा है ।कलेक्टर ने जिले के अधिकारियों को खरीदी खरीदे गए धान की सुरक्षा ,परिवहन या रखरखाव में किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाही की चेतावनी दी है।
देवभोग क्षेत्र के आठ समितियों का हम बात करें तो कुल पंजीयन रकबा 12374.430 हेक्टर है और आठ समिति में करीब कुल 464041.12 क्विंटल धान खरीदा जाना है। और अब तक करीब 30 दिनों की खरीदी में कूल 28 7998 क्विंटल धान खरीदा गया है ।और लक्ष्य की बात करें तो बचे 13 दिनों में करीब 176043.12 क्विंटल धान का खरीदा जाना शेष है। और 13 दिनों के बचे खरीदी के आंकड़े कि हम बात करें तो आठ समितियों में करीब एक दिन में 13541.78 क्विंटल धान प्रतिदिन खरीदना पड़ेगा तभी तो नियत तिथि तक धान खरीदा जा सकता है ।लेकिन मौसम विभाग के द्वारा बताए गए संभावना के चलते जनवरी में भारी वर्षा व ओला पडने के संकेत दिए हैं ।जिसके चलते आगे चलकर मौसम खराब की स्थिति में और भी धान खरीदी प्रभावित हो सकती है। जिसके कारण अब किसानों को यह डर सताने लगा है कि बचे धान को किस तरह से बेच पाएँगे क्योंकि अब समय कम रह गया है जिसके कारण किसान अपने धान को बेचने को लेकर चिन्तीत है।