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बिजली उपभोक्ताओं को राहत: दरों में वृद्धि के आसार नहीं, एआरआर स्वीकार

लखनऊ
उ.प्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता (एआरआर) को बिजली दरों के प्रस्ताव के बगैर ही स्वीकार कर लिया है। आयोग अब बिजली दरों पर सुनवाई शुरू करेगा। बिजली दरों पर प्रस्ताव दाखिल नहीं किए जाने के बाद यह माना जा रहा है कि इस साल दरों में वृद्धि नहीं होगी। गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों में बिजली कंपनियों ने जब बिजली दरें वृद्धि का प्रस्ताव नहीं दिया था तो बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी।  

नियामक आयोग अब बिजली दरों पर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करेगा। जिसमें प्रमुख रूप से बिजली कंपनियों द्वारा पेश किए गए एआरआर में गैप 6700 करोड़ कहां से आएगा यह प्रमुख होगा। जानकार बताते हैं कि बिजली कंपनियों ने गैप (घाटे) में जितनी धनराशि का जिक्र किया है उसकी भरपाई लाइनलॉस में कमी करने के साथ ही हो जाएगी। कंपनियों ने 17 फीसदी लाइनलॉस प्रस्तावित किया है। नियामक आयोग ने 2021-22 के लिए लाइनलॉस 11.01 फीसदी स्वीकृत किया था। वर्ष 2022-23 में भी लाइनलॉस इसी के आसपास रखे जाने की उम्मीद की जा रही है। लाइनलॉस कम होने पर बिजली कंपनियों के 6700 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई आसानी से हो सकती है। सभी बिजली कंपनियों का एआरआर करीब 85500 करोड़ रुपये है।    

 

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