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तिरंगा फहराने के नियम, राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर हो सकती है जेल

जगदलपुर
आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हर घर तिरंगा अभियान की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। यह अभियान 13 से 15 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान हर घर में तिरंगा फहराया जाएगा। तिरंगा हमारे अभिमान और देशभक्ति का प्रतीक है, और इसे फहराना हरेक देशवासी के लिए गर्व की बात है। लेकिन तिरंगे का अपमान न हो, इसका ध्यान रखना भी हम सबकी ही जिम्मेदारी है। भारत सरकार ने तिरंगा फहराने को लेकर कुछ नियम भी तय कर रखे हैं। राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। फ्लैग कोड आॅफ इंडिया 2002 (भारतीय ध्वज संहिता) नामक कानून में तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं। इनके उल्लंघन कर पर जेल भी हो सकती है।

केंद्र सरकार ने 20 जुलाई 2022 को झंडा अधिनियम में संशोधन किया है। अब तिरंगे को रात में उतारने की आवश्यकता नहीं है, राष्ट्रीय ध्वज को अब 24 घंटे फहराया जा सकता है। इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी। हालांकि सरकारी भवनों के लिए यह नियम पहले की तरह लागू रहेगा। बता दें कि पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति नहीं थी। लेकिन दिसंबर 2021 में सरकार द्वारा इसकी अनुमति दे दी गई। अब खादी से बने तिरंगे •े अलावा हाथ या मशीन से बना अथवा कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी कपड़े से बना तिरंगा भी अपने घर पर फहराया जा सकता है।

तिरंगे के सम्मान के लिए इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है –

  • तिरंगे पर कुछ भी लिखा नहीं होना चाहिए
  • किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा या बराबर नहीं फहराया जाना चाहिए
  • किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए
  • फंटा हुआ या गंदा तिरंगा कभी न फहराएं
  • अगर फहराने के बाद यह फट जाए तो इसे उतार लेना चाहिए
  • तिरंगा यदि फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए
  • राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया रंग सबसे ऊपर होना चाहिए
  • तिरंगे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैर कानूनी है
  • तिरंगे को कभी भी आधा झुकाकर नहीं फहराएं

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