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रूस-यूक्रेन जंग: प्राइवेट बस से पौलेंड के लिए निकले 40 भारतीय छात्र, नहीं मिली सरकारी मदद

 मैनपुरी

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बीच मैनपुरी के करहल के यूक्रेन में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों ने देर रात वहां के लिविव शहर को छोड़ दिया है। छात्र शुक्रवार को सुबह से ही सरकारी मदद का इंतजार कर रहे थे। लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई। लगभग 40 छात्र-छात्राओं ने प्राइवेट बस को किराए पर लिया और रात 9 बजे पोलैंड बॉर्डर के लिए रवाना हो गए।

जनपद के कस्बा करहल निवासी विवेक यादव की पुत्री कोयना और करहल के रोडवेज बस स्टैंड निवासी कुशाग्र यूक्रेन के लीविव शहर में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। रूस के साथ हुए युद्ध के बाद हालात बिगड़े तो कोयना और कुशाग्र वहां रह रहे अन्य छात्र-छात्राओं के साथ भारत आने के लिए पिछले दो दिन से प्रयास कर रहे हैं। लेकिन युद्ध के चलते उन्हें कोई अपेक्षित मदद नहीं मिल पा रही थी।

शुक्रवार को सुबह से ही कोयना और कुशाग्र में वापस आने के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। दोपहर 2 बजे एक बस पोलैंड के बॉर्डर पर छात्रों को छोड़ने के लिए शहर से रवाना हुई तो कोएना और कुशाग्र उस बस से आने के लिए तैयार हो गए। लेकिन परिजनों ने उन्हें सरकारी एडवाइजरी आने तक शहर में ही रुकने के लिए कहा। इसके बाद यह दोनों 2 बजे जाने वाली बस से शहर नहीं छोड़ पाए।

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