राज्य

MLC चुनाव में सपा हुई सफा, मुस्लिम-यादव समीकरण पूरी तरह फेल

लखनऊ

छह साल तक विधान परिषद में वर्चस्व बनाए रखने वाली समाजवादी पार्टी अब भाजपा के मुकाबले काफी पीछे हो गई है। पार्टी का एमएसली चुनाव में खाता तक नहीं खुला। उसका मुस्लिम यादव समीकरण भाजपा की रणनीति के आगे फेल साबित हुआ। असल में सपा ने इस साल हुए विधानसभा चुनाव में सपा-यादव मुस्लिम समीकरण से परहेज रखा था ताकि उसे अन्य जातियों में पैठ बनाने का मौका मिले। पर न जाने क्यों उसका यह आत्मविश्वास विधान परिषद चुनाव में आकर डगमगा गया। वह अपने पुराने एमवाई फार्मूले पर लौट आई और 35 में 21 पर यादव बिरादरी के उम्मीदवार उतार दिए। उसने ऐसा करते वक्त प्रत्याशियों के सरनेम सार्वजनिक नहीं किए। इसके अलावा सपा ने चार मुस्लिमों, चार ब्राह्मण को मैदान में उतारा था। इसके अलावा कुर्मी, प्रजापति, जाट, शाक्य व क्षत्रिय वर्ग के एक-एक उम्मीदवार को टिकट दिया था। पर सपा के अधिकांश प्रत्याशियों की हार भारी अंतर से हुई है।
 

भाजपा ने धांधली की हदें पार कीं: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा है कि चुनाव में भाजपा की मनमानी और धांधली की सभी हदें पार हो गई। भाजपा ने लोकतंत्र को कुचलने का काम किया है। उसके लिए भाजपा को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। अखिलेश यादव ने एमएलसी चुनावों के आए नतीजों पर बयान जारी करते हुए कहा कि दूसरों को जातिवादी बताने वाली भाजपा की ये सच्चाई है कि एमएलसी चुनाव की 36 सीटों में से कुल 18 पर मुख्यमंत्री के स्वजातीय जीते हैं। एससी-एसटी, ओबीसी को दरकिनार कर ये कैसा ‘सबका साथ, सबका विकास‘ ?

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