राज्य

सातवीं जीत के लिए इस बार मंत्री डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी से भिड़ेंगे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय

 सिद्धार्थनगर

नेपाल से सटे पूर्वांचल के जिले सिद्धार्थनगर की इटवा विधानसभा सीट इस बार दो प्रत्याशियों की वजह से खास हो गई है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को अपनी सातवीं जीत के लिए मौजूदा विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी से मुकाबला करना होगा। सपा की तरफ से माता प्रसाद पांडेय को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा के अगले ही दिन भाजपा ने डॉ. द्विवेदी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। दोनों के समर्थक अब स्थानीय मुद्दों को धार देने में जुट गए हैं।

वर्ष 2012 में इटवा से छठवीं बार विधायक चुने जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष बने माता प्रसाद पांडेय को पिछले चुनाव में करारी शिकस्त मिली थी। वह तीसरे स्थान पर चले गए थे। भाजपा प्रत्याशी डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बसपा प्रत्याशी अरशद खुर्शीद को 10208 मतों के अंतर से हराया था। उनकी यह स्थिति तब हुई थी जब उन्होंने अपने कार्यकाल में क्षेत्र को राज्य विश्वविद्यालय जैसी बड़ी सौगात दिलाई थी। कपिलवस्तु में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की स्थापना का पूरा श्रेय मिलने के बाद भी वह चुनाव में इसका कोई फायदा नहीं उठा सके। वर्ष 2017 के चुनाव में उनके समर्थकों ने विश्वविद्यालय की स्थापना को मुद्दा बनाने की भरपूर कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। अब इस चुनाव में एक बार फिर विश्वविद्यालय को मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है।

 सपा समर्थक विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों को मुद्दा बनाकर स्थानीय विधायक और प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. द्विवेदी को घेरने की कोशिश में हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के कोटे में मंत्री के भाई की असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जा रहा है। विवादों के बाद मंत्री के भाई द्वारा इस्तीफा दे दिए जाने के बाद भी यह मुद्दा ठंडा नहीं पड़ रहा है।

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