सुखी रहने के लिए सद्गुणों को जीवन में अपनाना होगा – काकानी
रायपुर
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित दया और करूणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण वर्ष का शुभारम्भ आई.आई.एम. के डायरेक्टर रामकुमार काकानी, विधायक एवं छ.ग. गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, श्रीबालाजी सुपर स्पेशियालिटी हास्पीटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. देवेन्द्र नायक और क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर बोलते हुए भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आई.आई.एम.) के डायरेक्टर रामकुमार काकानी ने कहा कि सुखमय जीवन बनाने के लिए सद्गुणों को अपनाना होगा। हमारे मन में सिर्फ मनुष्यमात्र के लिए ही नहीं अपितु सभी प्राणियों के लिए दया और करूणा की भावना होनी चाहिए। जैसा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान सोचती है। यह संस्थान स्व परिवर्तन पर ज्यादा जोर देती है। साथ ही इस बात पर भी ध्यान देती है कि हमारा जीवन सद्गुणों से भरपूर होना चाहिए।
विधायक एवं छ.ग. गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान सकारात्मक उर्जा का केन्द्र है। यहाँ आने मात्र से शान्ति की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने हमें दो वर्ष के लिए एक दूसरे से दूर कर दिया था। इस बिमारी ने क्या गरीब और क्या अमीर सबको बराबर कर दिया था। सभी दया की भीख मांग रहे थे। मैं उस दौरान भी घर में नहीं बैठा। सारा दिन लागों की मदद के लिए घूमता था। सुबह से मदद के लिए फोन आने लगते थे कोई अपने रिश्तेदार की अन्तिम क्रिया के लिए निकट का श्मसान मांगता था तो कोई यह कहता था कि गाड़ी को उनके घर के सामने से गुजार दें ताकि वह अन्तिम दर्शन कर सकें। लोगों की दुआओं का ही फल था कि दिनभर घूमने के बाद भी वह कोराना से बचे रहे।
श्रीबालाजी सुपर स्पेशियालिटी हास्पीटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. देवेन्द्र नायक ने कहा कि मनुष्य की इच्छाएं अनन्त होती हैं जो कि अशान्ति पैदा करती है। इसलिए हमें सुखी रहने के लिए इन इच्छाओं को नियंत्रित करना सीखना होगा। जब इच्छाएं नियंत्रित होंगी तब आप दूसरों को देने के बारे में सोच सकेंगे। मेडिकल रिसर्च में यह पता चला है कि जो लोग इच्छाओं पर नियंत्रण करना जानते हैं उनकी उम्र बढ़ जाती है। हमारे हास्पीटल में बहुत से गम्भीर किस्म के मरीज आते हैं किन्तु वह अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर जल्दी ठीक हो जाते हैं। कोरोना काल में वही लोग बच सके जो अन्दर से स्ट्रांग थे।
उन्होंने कहा कि जितना हम शान्त और सन्तुष्ट रहेंगे मेडिटेशन करेंगे उतनी ही बिमारी से बचे रहेंगे। स्वस्थ रहने के लिए पूरे दिन में एक घण्टा अपने लिए निकालिए और योग करिए। ब्रह्माकुमारी संस्थान में आने मात्र से निगेटिविटी खत्म हो जाती है और सकारात्मक सोचने की प्रेरणा मिलती है। क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि हमें सर्व प्राणी मात्र को मन से शान्ति और सुख का सहयोग देना है। सबके लिए शुभ और अच्छा सोचना है। कोई व्यक्ति कितना भी दूर क्यों न बैठा हो यदि हम सच्चे मन से संकल्प करेंगे तो हमारे वायब्रेशन्स उस तक जरूर पहुंचेंगे। वर्तमान समय जो तनाव और अवसाद बढ़ रहा है उसका प्रमुख कारण व्यर्थ सकंल्प हैं। अब हमें घृणा और नफरत को छोड़कर दया और करूणा को अपनाना है। समारोह को ब्रह्माकुमारी दीक्षा बहन ने भी सम्बोधित किया। संचालन ब्रह्माकुमारी अदिति बहन ने किया।