जहां BJP के खिलाफ गुस्से का था दावा, वहां भी भगवा परचम
मेरठ
मेरठ-सहारनपुर मंडल में भाजपा का जादू फिर चला। विधानसभा चुनाव में मेरठ-सहारनपुर मंडल की 44 सीटों में से 31 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। हालांकि 2017 में कुल 37 पर भाजपा का कब्जा था। मुरादाबाद मंडल में सपा ने अपनी बढ़त को बरकरार रखा है। 27 सीटों में सपा ने 17 सीटें जीत ली हैं। वेस्ट यूपी के कुल 71 में से 40 सीटों पर भाजपा ने परचम लहराया।
मेरठ में झटका
मेरठ जिले में भाजपा को करारा झटका लगा है। सात में से भाजपा तीन सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। सरधना सीट पर संगीत सोम को हराकर अतुल प्रधान ने जीत दर्ज कर बड़ा उलटफेर कर दिया। हस्तिनापुर से दिनेश खटीक ने जीत दर्ज कर उस मिथक को तोड़ दिया कि हस्तिनापुर से लगातार दोबारा कोई प्रत्याशी नहीं जीता है। वहीं मेरठ कैंट से 20 साल बाद तीसरी बार भाजपा के अमित अग्रवाल विधायक बने। किठौर से सपा के शाहिद मंजूर, मेरठ शहर से सपा से रफीक अंसारी,मेरठ दक्षिण से डा.सोमेन्द्र तोमर और सिवालखास से रालोद के हाजी गुलाम मोहम्मद विधायक बने।
बागपत में इतिहास दोहराया
शामली में गठबंधन ने भाजपा का सफाया कर दिया। मुजफ्फरनगर में भाजपा को गठबंधन ने दो सीटों पर रोक दिया। बागपत में 2017 का ही इतिहास 2022 में दोहराया गया। बिजनौर में आठ में से चार पर सपा गठबंधन और चार पर भाजपा जीती है। सहारनपुर में पांच सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया।
बुलंदशहर में भाजपा बुलंद
बुलंदशहर में सभी सात सीटों पर भाजपा ने कब्जा बरकरार रखा। सहारनपुर के नकुड़ से प्रत्याशी मुकेश चौधरी, देवबंद से कुंवर बृजेश सिंह जीते हैं। पूर्व मंत्री सपा प्रत्याशी धर्मसिंह सैनी इस बार हार गए। मुजफ्फरनगर में भाजपा को चार सीटों का नुकसान हुआ है। हालांकि, दो सीट भाजपा बचाने में सफल रही। मुजफ्फरनगर से जीते कपिलदेव अग्रवाल और खतौली से जीते विक्रम सैनी अब भी विजयी रहे हैं। शामली में तीनों सीटों पर गठबंधन प्रत्याशियों की जीत हुई है। थानाभवन से गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा हार गए।