रविवासरीय संगीत सभा में बनारस की युवा कलाकार पाण्डेय बहनों ने दी शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति

रायपुर
पंडित गुणवंत माधवलाल व्यास स्मृति संस्थान की 74 वी संगीत सभा में रविवार को प्रात: 10 बजे से फेसबुक पर बनारस के प्रसिद्ध गुरु डॉ रामशंकर जी की शिष्याएं कुमारी वागीशा एवं कुमारी हरिप्रिया पाण्डेय जी ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी।बनारस की पाण्डेय बहनों ने गायन की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता आलोक पाण्डेय जी से प्राप्त की।इसके बाद बनारस के डॉ देबाशीष डे जी से व वर्तमान में डॉ रामशंकर जी गायन के गुर सीख रही हैं।
उन्होंने अपने गायन कार्यक्रम की शुरूआत राग-शुद्ध सारंग से,ताल-विलंबित एकताल में निबद्ध बड़े ख्याल की बंदिश-मन मोरा माने न, से की। इसके बाद उन्होंने क्रमश: मध्यलय तीनताल में निबद्ध बंदिश-पनघट जाने दे छांड मोरी बैयां व अब मोरी बात मान ले पिहरवा, की प्रस्तुति दी।इसके बाद क्रमश: चतुरंग-गाइए सजना गुणीजन बीच,दादरा-रंगी सारी गुलाबी चुनरिया रे,की सुमधुर प्रस्तुति दी।कार्यक्रम के समापन मीरा बाई के प्रसिद्ध भजन-मैं गिरधर के घर जाऊँ,गाकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया।इस कार्यक्रम में पूरा पाण्डे परिवार मंच पर था-आलोक पाण्डे(पिता) जी ने हारमोनियम पर, माता श्रीमती रश्मि जी ने तानपुरे पर, भाई कन्हैया पाण्डे जी ने तबले पर सधी हुई संगत दी।इस कार्यक्रम को फेसबुक पर बनारस से लाईव किया गया।इस कार्यक्रम को संस्था के-गुनरस पिया संगीत सभा ग्रुप से श्रोताओं के लिए फेसबुक पर लाईव किया गया। श्रोताओं ने खूब लाईक किया और उनके कार्यक्रम में लगातार दाद दी। गुनरस पिया की सभा में अब तक देश-विदेश के गुणी कलाकारों ने गायन,तबला-वादन,सितार-सरोद-सारंगी-संतूर वादन की प्रस्तुतियां दीं हैं।युवा एवं नवोदित कलाकारों को रविवासरीय संगीत सभा के माध्यम से जन जन तक पहुचाने का कार्य संस्था द्वारा अनवरत जारी है। गुनरस पिया फाउंडेशन द्वारा कोरोना काल में देश-विदेश के कलाकारों को फेसबुक के माध्यम से कार्यक्रम प्रस्तुति हेतु अवसर दिया जा रहा है।गुनरस पिया फाउंडेशन शास्त्रीय संगीत के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार हेतु लगातार कार्य कर रहा है। कार्यक्रम के संयोजक दीपक व्यास ने यह जानकारी दी।