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कानपुर हिंसा में जफर हयात ने उगले कई राज

कानपुर

कानपुर हिंसा के मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी ने पुलिस पूछताछ में कई राज से पर्दा उठा दिया है. उसके राजनीतिक इतिहास को लेकर भी काफी कुछ सामने आया है. पुराने अपराधियों के साथ उसके कनेक्शन भी सामने आए हैं. पुलिस ने उसके हवाला कारोबार को लेकर भी काफी कुछ बताया है.

बताया जा रहा है कि जफर हयात हाशमी सपा विधायक इरफान सोलंकी से बड़ा नेता और विधायक बनना चाहता था और उसका रिमोट कंट्रोल कानपुर या उत्तर प्रदेश के किसी बड़े नेता के हाथ में नहीं बल्कि केरल से ताल्लुक रखने वाले एक राजनैतिक संगठन के हाथ में था.

मिली जानकारी के अनुसार ज़फर हयात केरल के इत्तेहाद मुस्लिम लीग का सदस्य तो नहीं था लेकिन संगठन के तमाम नेता उसके सीधे संपर्क में थे. उत्तर प्रदेश में मौजूदा राजनैतिक घटनाक्रम को देखते हुए जफर हयात हाशमी इत्तेहाद मुस्लिम लीग के बैनर तले ही चुनाव लड़ कर स्थानीय सपा विधायक इरफान सोलंकी की जगह लेना चाहता था. जफर हयात हाशमी छात्र जीवन में सिमी से जुड़ा रहा लेकिन सिमी पर प्रतिबंध लगा तो उसने अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश से बाहर के संगठन का साथ पकड़ा.

एसआईटी के सामने पूछताछ के दौरान हाशमी ने अपनी पूरी प्लानिंग के बारे में बताया है. 3 जून को जिस बाजार बंद की कॉल वापस लेने के बावजूद हिंसा हुई. इसके पीछे जांच कर रही एसआईटी को पता चला है कि प्रशासन और पुलिस के दबाव में जफर ने भले ही दिखाने के लिए बाजार बंद के कॉल को वापस ले लिया हो लेकिन अंदर ही अंदर वह लोगों को बाजार बंद करने के लिए ही भड़का रहा था.

कानपुर के कुख्यात D2 गैंग, कुछ पुराने अपराधियों और कारकूनो का भी जफर से कनेक्शन निकला है. वो सभी किसी ना किसी तरीके से उसके साथ ही काम कर रहे थे. इस पूरे मामले में गठित की गई एसआईटी की मॉनिटरिंग कर रहे कानपुर के जेसीपी लॉ एंड ऑर्डर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि जफर हयात हाशमी के हर कनेक्शन की जांच की जा रही है. वह फिर चाहे राजनैतिक कनेक्शन हो फंडिंग कनेक्शन हो या हवाला ट्रेड कनेक्शन. कानपुर पुलिस हिंसा में शामिल हर आरोपी और उसकी भूमिका की जांच में जुटी है. कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं जिसको वेरीफाई करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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