भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री लोकेन्द्र पाराशर ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में हुई घटना अत्यंत दु:खद है लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी हादसे पर संवेदनाएं व्यक्त करने की बजाय घटिया राजनीति कर रहे हैं। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में सभी को एकजुट होकर संवेदनाएं प्रकट करना चाहिए, लेकिन दुख की बात है कि ऐसा नहीं हो रहा है। महाकुंभ में हुई घटना के बाद कांग्रेस पार्टी एवं अन्य दलों के नेता एक बार फिर हिंदू आस्था के खिलाफ खड़े हो गए हैं। इस दुर्घटना पर राजनीति करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है।
श्री पाराशर ने कहा कि राहुल गांधी यदि इतिहास खंगाल लेते तो उन्हें पता होता कि महाकुंभ मेले के दौरान पहले भी ऐसी दुखद घटनाएं हुईं हैं। वर्ष 1954 में प्रयागराज महाकुंभ मेले में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को देखने के लिए उमड़ी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई थी, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की दुखद मृत्यु हो गई थी। मतलब स्पष्ट है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मौजूदगी के दौरान ही हादसा हुआ था। इसी प्रकार 1986 में हरिद्वार कुंभ मेले में भगदड़ के कारण लगभग 50 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे। तब प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता वीर बहादुर सिंह ही थे। वहीं वर्ष 2013 में महाकुंभ मेले के दौरान प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 36 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक घायल हुए थे। उस समय भी देश में कांग्रेस की सरकार थी और राज्य में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। श्री पाराशर ने कहा कि कांग्रेस नेता हमेशा ही सनातन विरोधी रहे हैं। कांग्रेस की सनातन विरोधी मानसिकता किसी से छुपी नहीं है। जब भी उन्हें मौका मिलता है, वे हिंदू आस्था और परंपराओं पर चोट करते रहे हैं। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे नेता हिन्दू आस्था के खिलाफ बयानबाजी करने के अवसर तलाशते रहते हैं। जबकि ऐसे बड़े हादसे अन्य धर्म के आयोजनों के दौरान भी होते हैं, तब वे कुछ नहीं बोलते हैं।