राम-रहीम से जुड़ी संस्था के स्कूल में मनमानी, छात्रा फीस नहीं भर सकी तो कर दिया परीक्षा से वंचित
- शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल की कक्षा दसवीं की छात्रा देव शिखा चौधरी नहीं दे सकी सप्लीमेंट्री की परीक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी को दिया आवेदन

बुधनी। एक तरफ सभी लोगों को शिक्षा के अधिकार की बातें हो रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ स्कूल की मनमानी के कारण छात्रा बोर्ड परीक्षा देने से ही वंचित रह गई। मामला बुधनी नगर के समीप शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल का है, जहां दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक दलित छात्रा देव शिखा चौधरी स्कूल की फीस नहीं भर सकी। इसके कारण स्कूल प्रबंधन ने उसे कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा में आई सप्लीमेंट्री की परीक्षा से ही वंचित कर दिया। शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल राम-रहीम से संबंधित है। अब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई गई है। यहां बता दें कि शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल पहले भी विवादों में रहा है। अब एक बार फिर स्कूल की मनमानी का मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार बुधनी तहसील के ग्राम जोशीपुर निवासी नरेंद्र चौधरी की दो बेटियां हैं। एक बेटी हर्षिता चौधरी कक्षा 11वीं में अध्यनरत थी तो वहीं दूसरी बेटी देव शिखा चौधरी कक्षा दसवीं में अध्ययनरत थीं। यह दोनों बेटियां कक्षा नर्सरी से ही शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने छोटी बेटी देवशिखा चौधरी को बोर्ड परीक्षा में आई सप्लीमेंट्री की परीक्षा से ही वंचित कर दिया।
माता-पिता से लिया शपथ-पत्र-
बताया जा रहा है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा पूर्व में माता-पिता को स्कूल बुलाया गया था, जहां उन्हें यह कहा गया कि आपने फीस जमा नहीं की है। इस दौरान प्राचार्या अमनदीप कौर द्वारा उन्हें जमकर खरी-खोटी भी सुनाई गई। हालांकि माता-पिता द्वारा जल्द ही फीस जमा कराने की बात कही गई थी, लेकिन प्रबंधन ने उनसे एक शपथ पत्र लिया और उसमें लिखवाया गया कि 30 जून तक दोनों बच्चियों की कुल फीस 82 हजार 800 रुपए जमा करवा देंगे। इसके बाद 8 मार्च को स्कूल प्रबंधन ने फिर उन्हें बुलाया। इस दौरान बच्ची की मां प्रभा चौधरी स्कूल पहुंची। यहां पर स्कूल की प्राचार्या ने उनसे कहा कि आपकी बेटी देवशिखा दसवीं कक्षा की परीक्षा में नहीं बैठ पाएगी। इसकी तुम्हें जहां शिकायत करना है कर दो।
पिता ने की बीईओ कार्यालय को शिकायत-
इस घटना के बाद पिता नरेंद्र चौधरी ने बीईओ कार्यालय को मामले की सूचना दी। इसके बाद शिक्षा अधिकारी ने उनसे फोन पर संपर्क किया और 30 जून तक फीस जमा करने की बात कही, साथ ही उन्होंने बताया कि बच्ची को परीक्षा देने स्कूल पहुंचाइए।
परीक्षा दी तो सप्लीमेंट्री आ गई-
देवशिखा चौधरी ने कक्षा दसवीं की परीक्षा दी, लेकिन मानसिक दबाव के कारण वह तैयारी नहीं कर सकी और उसे गणित विषय में सप्लीमेंट्री आ गई। इसके बाद देवशिखा के पिताजी परीक्षा फॉर्म भरने के लिए जून माह के पहले और दूसरे सप्ताह में कई बार स्कूल पहुंचे, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उन्हें हर बार अगले दिन आने का कहकर वापस भेज दिया। आखिरी बार 17 जून को जब देवशिखा के माता-पिता स्कूल पहुंचे तो स्कूल प्रबंधन ने फिर से फीस जमा करने की बात कही, इस पर उसके पिता ने कहा कि 30 जून तक का समय दिया है। वे फीस का इंतजाम करके जमा करवा देंगे, लेकिन उन्हें परीक्षा फॉर्म नहीं भरने दिया गया और स्कूल प्रबंधन ने उनसे बदतमीजी की। इसके बाद 20 जून को देवशिखा के पिता नरेंद्र चौधरी ने लिखित शिकायत जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को करके मामले से अवगत कराया। जब इस मामले में स्कूल की प्राचार्या अमनदीप कौर से स्कूल पहुंचकर बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने मिलने से मना कर दिया।
इनका कहना है-
बुधनी के शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल का मामला संज्ञान में आया है। जांच कराई जा रही है।
– संजय सिंह तोमर, जिला शिक्षा अधिकारी, सीहोर
बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यदि फीस नहीं दी गई थी तो स्कूल प्रबंधन द्वारा लिखवा कर ले लिया जाता है। छात्रा को परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। इस मामले में स्कूल प्रबंधन से जबाव लिया जाएगा।
– शशि सिंह, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, बुधनी