विदेश

2 दिनी यात्रा पर PM मोदी टोक्यो पहुंचे,’नमो’ से स्वागत ‘भारत माता की जय’ के नारे

टोक्यो
 अपनी 2 दिवसीय जापान यात्रा के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) टोक्यो पहुंच गए हैं। जापान में भारतीय प्रवासियों ने प्रधानमंत्री का नारेबाजी और गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। वे यहां QUAD समिट में शामिल होंगे। वे यहां कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। खासकर, कोरोना से लेकर अर्थव्यवस्था तक कई विषयों पर अगली रणनीति पर चर्चा होगी। मोदी  जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के आमंत्रण पर इस यात्रा पर पहुंचे हैं। जापान पहुंचने पर मोदी ने tweet किया-"जापान पहुंचा हूं। इस यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लूंगा, जिसमें क्वाड समिट, साथी क्वाड लीडर्स से मिलना, जापानी बिजनेस लीडर्स और जीवंत भारतीय डायस्पोरा(Indian diaspora-जापान में बसा भारतीय समुदाय) के साथ बातचीत करना शामिल है।"

मोदी का जापान पहुंचने पर प्रवासी/भारतीयों ने जोरदार स्वागत किया। बता दें कि जापान में लगभग 38,000 भारतीय रहते हैं। मोदी जब होटल पहुंचे, तो भारतीय समुदाय ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाए। भारतीय समुदाय तिरंगा लहराया। बच्चों ने मोदी को कई गिफ़्ट दिए। इनमें उन पर बनाई गई पेंटिंग्स भी शामिल रही। मोदी भारतीय बच्चों से बड़े प्यार से मिले और बातचीत की। होटल में कई बच्चे अपने माता-पिता के साथ प्रधानमंत्री मोदी स्वागत में हाथ लहराते हुए दिखाई दिए। बच्चों को जापानी सहित विभिन्न भाषाओं में लिखे वेलकम शब्द के साथ तख्तियां पकड़े हुए देखा गया। प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद बच्चों में से एक के साथ भी बातचीत की और उनके लिए एक ऑटोग्राफ पर हस्ताक्षर किए।

अपनी 40 घंटे की जापान यात्रा के दौरान पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करेंगे। PM जापान के 35 बिजनेस लीडर्स और CEOs से भी मिलेंगे। वे 23 बैठकों में हिस्सा लेंगे।

ये QUAD है क्या
QUAD मतलब क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग(quadrilateral security dialog-चतुर्भुज सुरक्षा संवाद)। इसमें जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका के बीच एक बहुपक्षीय समझौता हुआ है। यह इंडो-पैसिफिक स्तर पर सक्रिय है। इसका मकसद समुद्री रास्तों से व्यापार आसान बनाना और सैनिक बेस को मजबूत करना है। इसका मकसद सैन्य शक्ति का संतुलन है।

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