राज्य

काशी की धरा पर 18 जनवरी से भक्ति की धारा का होगा प्रवाह

अलीगढ़
भारत की धार्मिक नगरी के रूप में विख्यात भगवान शिव की अत्यंत प्रिय काशी की नगरी में लक्षचंडी महायज्ञ होने जा रहा है। 18 जनवरी से नौ मार्च तक चलने वाले इस अनुष्ठान के संयोजक अलीगढ़ के महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज हैं। उन्होंने बताया कि विश्वप्रसिद्ध संत यज्ञ सम्राट स्वामी प्रखर महाराज के सानिध्य में संकुलधारा के भेलूपुरा पोखरा में 51 दिन धार्मिक अनुष्ठान की धारा का प्रवाह होगा। श्रीमद् भागवत कथा, कवि सम्मेलन, रामायण कथा आदि आयोजन भी होंगे। इनकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। महामंडलेश्वर ने बताया कि 51 दिवसीय लक्षचंडी महायज्ञ का उद्देश्य यज्ञ के साथ काशी की धरा पर विभिन्न धार्मिक आयोजनों की धारा का प्रवाह करना है। इसके माध्यम से काशी के विद्वानों द्वारा महायज्ञ के साथ भारत देश के मर्मज्ञों द्वारा भागवत कथा का आयोजन भी किया जाएगा। परम गोपनीय दुर्लभ काशी की कथा पंडित प्रवर विश्वेश्वर शास्त्री द्रविड़ और श्रीमद भागवत कथा का वाचन विश्वप्रसिद्ध कथा वक्ता रमेश भाई ओझा द्वारा किया जाएगा। वहीं, वाल्मीकि रामायण कथा राघवाचार्य करेंगे। अनुष्ठान की श्रृंखला में प्रवचन, कवि सम्मेलन समेत अन्य आयोजन होंगे। कोरोना महामारी की सभी गाइडलाइन का पूर्णतः पालन किया जाएगा। कार्यक्रम से जुड़ी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गईं हैं। कार्यक्रम की रूपरेखा व प्रतिदिन होने वाले अनुष्ठानों का प्रारूप को लेकर प्रखर परोपकार मिशन के पदाधिकारियों से वार्ता हो चुकी है।

काशी का एक एक कंकर शंकर के तुल्‍य
पीपीएम ट्रस्ट के संरक्षक महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज ने भी अनुष्ठान पर चर्चा करते हुए कहा कि काशी नगरी अत्यंत प्राचीन व देवों के देव महादेव को अत्यंत प्रिय है। काशी का एक-एक कंकर शंकर के तुल्य है। यहां निवास करने वाली हर एक स्त्री मां अन्नपूर्णा का स्वरुप है। ऐसी पावन धरा पर लक्षचंडी महायज्ञ का किया जाना भगवान शिव की ही कृपा मात्र है। बिना शिव की अनुमति के विश्वनाथ के क्षेत्र में कोई भी कार्य संभव नहीं है। आधुनिक भारत अपनी संस्कृति को भूलता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण धर्म के प्रति अज्ञानता है। 500 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा 100 कुंडीय महायज्ञ 51 दिनों में संपन्न किया जाएगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Zahoj duši a Jak vznikly názvy dnů v týdnu: odpověď učitele Jak udělat záchodovou mísi oslnivě bílou po jedné Rebus pro Jak rychle odstranit lepidlo ze samolepky