अमेरिका में एक आया का खर्च 36 लाख रुपया महीना काम छोड़कर बच्चे पालने को विवश माएं
वाशिंगटन । अमेरिकी महिलाएं अपनी नौकरी छोड़कर अब अपने बच्चों को पालने में लग गई हैं। अमेरिका में प्रशिक्षित आया की भारी कमी हो गई है। इसका फायदा अमेरिका की कंपनियों द्वारा उठाया जा रहा है। जिन कंपनियों के केयर सेंटर खुले हुए हैं। वहां कालेज की फीस से ज्यादा केयर सेंटर बच्चों के देखरेख की फीस वसूल कर रहे हैं।
अमेरिका में बच्चों की देखभाल करने के लिए अब मध्यम और निम्न वर्ग केयर सेंटर का खर्चा नहीं उठा पा रहा है। अमेरिका में आमतौर पर पति पत्नी दोनों ही काम करते हैं। अमेरिका में 1।20 करोड़ बच्चों के लिए आया की जरूरत है। चाइल्ड केयर कंपनियों द्वारा संचालित केयर सेंटर में केवल 10 लाख बच्चों की ही देखभाल हो पा रही है।
अमेरिका में बच्चों की देखभाल कोरोना बीमारी के बाद सबसे महंगी हो गई है। चाइल्ड केयर कंपनियों ने समूह बनाकर लग्जरी रेट तय किए हैं। वहीं सरकार द्वारा जो कानून बनाया जा रहा था। माता-पिता की आय के अनुरूप चाइल्ड केयर का खर्च तय करने का बिल प्रस्तावित था। चाइल्ड केयर कंपनियों के दबाव में यह बिल प्रस्तुत नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण अब महिलाओं को नौकरी छोड़कर अपने बच्चों को पालना पड़ रहा है। निम्न एवं मध्यम वर्ग के लिए महंगाई की मार इतनी ज्यादा हो गई है कि अब अमेरिका में रहना मुश्किल हो रहा है।लोग अमेरिका छोड़कर आसपास के देशों में शरण ले रहे हैं।