विशेष

आजादी के अमृतकाल में रानी दुर्गावती के विचारों की प्रासंगिकता

वीरांगना रानी दुर्गावती जयंती पाँच अक्टूबर पर विशेष

हितानंद शर्मा
मध्य भारत की सुनहरी भूमि पर स्थित कालिंजर के किले में चन्देल वंश में उत्पन्न महारानी दुर्गावती की शौर्य गाथा से पूरा भारत परिचित है। रानी दुर्गावती के शासनकाल में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष नामक चारों पुरुषार्थ विद्यमान थे और आकाश-वायु-अग्नि आदि पञ्चमहाभूत सन्तुलित होकर माता वसुन्धरा के संरक्षण व संवर्धन करने को लालायित थे। प्रजा खुशहाल थी और अर्थव्यवस्था समृद्धि की हिलोरें मार रही थी। चन्दन से महात्माओं का अभिनन्दन और मन्दिरों में पुष्पों से प्रभु का वन्दन होता था। उनकी इन्हीं विशेषताओं के कारण आज आजादी के अमृतकाल में रानी दुर्गावती के 500वें जन्मदिवस के समय गोंडवाना क्षेत्र में रानी दुर्गावती का जीवनवृत्त बच्चे-बच्चे की मुंहबोली शौर्यगाथा बन चुका है।
नवरात्र में जन्मी (तिथि: 05 अक्टूबर, 1524, स्थान: कालिंजर दुर्ग) रानी को माता भगवती की विशेष अनुकम्पा जानकर ही महाराजा कीरत सिंह ने अपने ज्योतिषाचार्यों से विचार-विमर्श करने के पश्चात् उस कन्या का नाम दुर्गावती रखा था, जो खेलने-कूदने की अल्पायु में ही शस्त्रास्त्रों में अपनी रुचि देखने लगी थी। इस सन्दर्भ में प्रो. चित्रभूषण श्रीवास्तव जी की कुछ पंक्तियाँ उद्धृत करने योग्य हैं –“पन्द्रह सौ चौबीस में जन्मी वो चन्देलों की शान थीं। कालिंजर राजा की बेटी वो इकलौती सन्तान थीं । दुर्गाष्टमी अवतरण दिवस दुर्गा का ही अवतार थीं, थर्राये मुगलों की सेना ऐसी भीषण ललकार थी।”
गोंडवाना रानी के राज्य की विदेशनीति तथा उनके निर्णयों में राज्य की सम्प्रभुता, स्वतन्त्रता तथा सामाजिक समरसता को सदैव ध्यान में रखा गया था। सम्प्रति, रानी दुर्गावती के 500वें जन्मवर्ष में उनके ये विचार आधुनिक भारतीय लोकतन्त्र के लिए अवश्य ही प्रेरक हैं, क्योंकि जब समूचा विश्व दो गुटों में बंटा हुआ है, तो प्रजा के कल्याण हेतु ऐसे कठिन निर्णय लेने होते हैं, जो राज्य की सम्प्रभुता, अक्षुण्णता और स्वतन्त्रता को ठेस न पहुंचावे। रानी दुर्गावती ने मुगल आक्रान्ता अकबर को उसी की भाषा में प्रत्युत्तर दिया, जबकि वे मुगल सैन्य शक्ति से भली-भाँति परिचित थी। वे अपने राज्य की विदेशनीति और आन्तरिक सुरक्षा हेतु अपनी गुप्तचर संस्था के  साथ नियमित रूप से बैठती थीं, जैसाकि वर्तमानकाल में किसी देश का प्रधानमन्त्री अपनी गुप्तचरसंस्था के साथ बैठक करता है और अपनी विदेशनीति व कूटनीति को कार्यान्वित करता है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि समसामयिक सन्दर्भ में महारानी दुर्गावती की विदेशनीति विषयक विचार अतिप्रासंगिक हैं।
विख्यात शासिका दुर्गावती ने गोंडवाना राज्य के रामनगर, नयनपुर, कंजरिया, कांजीवाडा, लांजी, धूमा, कतंक, बैहर, डिंगैरी, कोतमा, गाडरवारा, बनखेडी, सोहागपुर, मैहर, गैरतगंज, भेलसा, गंजबसौदा, रायसेन, सिरौंज, भोजपाल, सिहोरा, पनानगर आदि क्षेत्रों में सुव्यस्थित जलापूर्त्ति व जलनिकास हेतु अनेक तालाब, नहर, बावली, कुओं आदि का निर्माण कराया था। तात्कालिक परिस्थिति में यह कार्य निःसन्देह प्रजाकल्याण हेतु सराहनीय प्रयास था, किन्तु सम्प्रति, जब महारानी दुर्गावती का 500वाँ जन्मदिवसवर्ष है, तो जलवायु परिवर्तन के इस काल में तत्सदृश जलापूर्त्ति व निकास व्यवस्था प्रासंगिक सी लगती है। वर्तमान जबलपुर के परिक्षेत्र में यह भी प्रसिद्ध है कि इस क्षेत्र में लोककल्याणार्थ रानी ने 52 तालाबों का निर्माण कराया था। जिससे वर्षा के जल का संरक्षण और भू-जल की आपूर्त्ति सुनिश्चित हो सके। इस समय, सकल विश्व स्वच्छ जल की उपलब्धता हेतु संघर्षरत है, जल बचाने की बातें प्रतिदिन हम सोशल मीडिया के माध्यम से देखते हैं, ऐसे में महारानी दुर्गावती के जलापूर्त्ति सम्बन्धी विचार और भारत के विविध क्षेत्रों में नहर, तालाब, कुओं आदि का निर्माण समृद्ध भारत के पुनर्निर्माण (आजादी के अमृतकाल) में निश्चित ही प्रेरक सिद्ध होंगे।
महारानी दुर्गावती ने धार्मिक समन्वय स्थापित करने हेतु भी अनेक सफल प्रयास किये थे, जिसके कारण विविध मताबलम्वियों में परस्पर गतिरोध न होते हुए समन्वय स्थापित हुआ था। महारानी दुर्गावती अपने धर्म के प्रति भी पूर्णरूपेण समर्पित रहती थीं। उन्होंने हिन्दू देवी-देवताओं के विभिन्न मन्दिरों का निर्माण कराया था और अनेक मन्दिरों में प्रभु श्रीराम, भद्रकाली, विष्णु भगवान् आदि देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर धार्मिक सद्भावना का सन्देश दिया था।  इस सम्बन्ध में प्रख्यात “महारानी दुर्गावती” नामक ग्रन्थ उल्लेखनीय है, जिसमें रानी दुर्गावती द्वारा निर्देशित बीरबल द्वारा शैक्षणिक कार्य, गोदान, अन्नदान, मन्दिरों व विद्यालयों के निमित्त भूदान आदि का वर्णन है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, जब एक ओर कट्टरवादी ताकतें गिद्धमुख किये भारतीय संस्कृति को निहार रही हैं, तो दूसरी ओर भारतीय संस्कृति का मूलमंत्र “समन्वय और समरसता” की भावना द्वारा इनको परास्त करना अत्यावश्यक है, जोकि महारानी की राजनीति में दृष्टिगोचर होता था। क्योंकि किसी देश की महानता और उसकी समृद्धि में समाज के प्रत्येक वर्ग का सहयोग अपेक्षित होता है और सभी के समन्वय व सहयोग से ही कोई राष्ट्र उन्नति के मार्ग पर प्रशस्त होता है।
रानी दुर्गावती मात्र अधिकारियों के द्वारा प्रदत्त जानकारी पर आश्रित होकर प्रजा को शासित नहीं करती थीं, अपितु वे अपना वेश बदलकर जनता की नब्ज टटोलती थीं। वे सामान्य प्रजा के मध्य जाकर उनकी रोजमर्रा की जिन्दगी में आने वाली चुनौतियों को प्रजा के द्वारा ही सुनती थी और उन चुनौतियों का तत्काल अथवा राजदरबार के माध्यम से निवारण किया करती थीं। जैसाकि एक शासक को अपन गुप्तचरों के माध्यम से ऐसा करना चाहिए, या स्वयं ही औचक निरीक्षण के माध्यम से सत्य का ज्ञान करना चाहिए।

(लेखक-भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के प्रदेश संगठन महामंत्री हैं)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Zeer uitdagende De ware eigenaar van de kat is alleen Optische illusie voor unicums: vind een Alleen mensen met een hoog IQ zien Slechts 1 procent van de mensen Op zoek naar vissen Vind de vreemde zak Alleen mensen met een superkrachtig IQ zien in 15 seconden Alleen mensen met een hoog IQ Где змея на фото: вам нужно иметь внимание Шерлока Холмса, In 12 seconden een muis vinden in de bibliotheek: Alleen mensen met een hoog IQ zouden de Alleen oplettende mensen vinden het woord mandarijn Verborgen fout nummer: alleen de meest oplettende zal het Alleen mensen met een hoog IQ Uitdagende wiskundige puzzel voor genieën: los een lastige vergelijking 97 Van de Mensen Kan Het Woord Zure Room Niet Alleen mensen met een hoog IQ kunnen snel het Puzzel voor mensen met een goed Slechts 2 lucifers verplaatsen voor het juiste antwoord: Het Verstopte Konijntje: Alleen de Meest Oplettende Zal Het Alleen mensen met een Alleen een genie vindt een hond 97% van de mensen Verschillen tussen twee meisjes: alleen mensen met Slimme mensen IQ-test voor intellectuelen: Vind de verborgen paraplu in 5 seconden IQ-test: Vind 3 verschillen in een foto van een Iedereen ziet een pauw, en alleen Je hoeft maar 1 lucifer te Slechts een paar Waar zijn de drie verschillen tussen oma's Alleen mensen met een grandioos IQ Je moet de ogen van een adelaar hebben om Super Puzzel: Vind 3 verschillen in de Wat is het verschil Wat is er mis met WAAR ZIJN Een Prachtige Optische Illusie: Slechts Een Paar Vinden Ontdek een Super Puzzel: Vind 3 verschillen in Welk dier is verborgen in Wat is er mis met een houthakker? Een heel Wat is het verschil tussen twee meisjes die een boek Je hebt een kolossaal Verschil tussen de twee jongens: zoek Wat is Ніт ієдереен зал де дуйделийке фаут ин де фото вінден: