अमेरिका ने गलवान में जख्मी सैनिक को चीन की ओर से ओलंपिक मशाल देने पर लगाई लताड़
नई दिल्ली
भारत के साथ गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प में जख्मी जवान को चीन की ओर से विंटर ओलंपिक मशाल थमाए जाने की अमेरिका ने निंदा की है। चीन के इस कदम को शर्मनाक करार देते हुए अमेरिका ने कहा कि यह खेलों के राजनीतिकरण करने का प्रयास है। अमेरिका की विदेश मामलों की संसदीय समिति में शामिल सीनेटर ने कहा कि चीन का यह फैसला शर्मनाक है। सीनेटर जिम रिस्क ने ट्वीट किया, 'यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ऐसे व्यक्ति हाथों में विंटर ओलंपिक की मशाल थमा दी, जो भारत पर किए गए सैन्य हमले में शामिल था। इसके अलावा वह शख्स सेना का भी हिस्सा है, जिसने उइगर मुस्लिमों का नरसंहार किया। अमेरिका की ओर से उइगरों की आजादी और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रहेगा।' चीनी सेना के रेजिमेंटल कमांडर को विंटर ओलंपिक की मशाल थमाई गई है। यह सैनिक जून, 2020 में लद्दाख के पास गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से झड़प के दौरान जख्मी हुई थी। चीन ने इस घटना में अपने महज 4 से 5 सैनिकों के ही मारे जाने की बात काफी लंबे समय बाद स्वीकार की थी। लेकिन दूसरे देशों की न्यूज एजेंसी की ओर से 40 चीनी सैनिकों के मारे जाने के दावे किए जाते रहे हैं। चीन की ओर से अब सैनिक को मशाल थमाए जाने की निंदा की जा रही ही। दुनिया भर में इसे खेलों का राजनीतिकरण करने का कदम बताते हुए आलोचना की जा रही है।
की फाबाओ नाम के जिस सैनिक को चीन की ओर से मशाल थमाई गई है, उसके सिर में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के दौरान गंभीर चोटें आई थीं। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, लेकिन चीन की ओर से लगातार अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर छिपाने के प्रयास किए जाते रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस घटना में 9 चीनी सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन का दावा 4 सैनिकों की मौत का ही था। यही नहीं अब एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने दावा किया है कि झड़प के दौरान कई चीनी सैनिक तेज धारा वाली गलवान नदी पार करते हुए अंधेरे में डूब गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने तथ्यों को प्रभावित करने के लिए गलवान में हुई दो अलग-अलग झड़पों के तथ्यों और तस्वीरों को आपस में जोड़ दिया।