अमेरिका ने बताया- रूसी S-400 को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगेगा या नहीं?
नई दिल्ली
भारत द्वारा से रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील करने के बाद से अमेरिका ने ऐसे संकेत दिए हैं हैं कि वह भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। अमेरिका ने बताया है कि वह काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) कानून के तहत अब तक भारत पर प्रतिबंध लगाने का कोई फैसला नहीं किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस से जब पूछा गया कि क्या रूस के साथ अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, भारत की मिसाइल प्रणाली की खरीद भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करेगी। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब CAATSA प्रतिबंधों की बात आती है, तो हमने इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया है। इस विशेष लेनदेन के लिए प्रतिबंधों के जोखिम को देखते हुए हम भारत सरकार के साथ इस पर चर्चा कर रहे हैं।
अमेरिका क्यों लगा सकता है प्रतिबंध?
रूस से S-400 खरीद को लेकर अमेरिका खफा है। इसके कई कारण है। अमेरिका सालों से चाहता है कि भारत रूसी रक्षा प्रणालियों पर अपनी निर्भरता खत्म कर दे। पिछले कुछ सालों में भारत ने अमेरिका से रक्षा आयात बढ़ाया है। हालांकि इस सबके बावजूद रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लाइर बना हुआ है। लेकिन चिंता की बड़ी वजह अमेरिका द्वारा पारित 2017 के कानून काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) से है। इस कानून का मकसद ईरान, रूस और उत्तर कोरिया को सबक सिखाने से है। इसी कानून में रूसी रक्षा और खुफिया क्षेत्रों के साथ लेनदेन को लेकर लिस्टेड 12 प्रतिबंधों में से कम से कम 5 प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। अमेरिका ने लंबे समय से नाटो के सहयोगी रहे तुर्की पर दिसंबर 2020 में S-400 की खरीद को लेकर प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय कह चुका है कि भारत और अमेरिका के बीच एक ग्लोबल स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप है। भारत का रूस के साथ भी एक ख़ास स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप है। भारत ने हमेशा से एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई है और यह हमारे डिफेंस सेक्टर से जुड़े मसलों में भी लागू होता है।