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कभी समुद्र में डूबा रहा होगा ऑस्ट्रेलियाई रेगिस्तान, वैज्ञानिकों ने खोजा 1.4 करोड़ साल पुराना कोरल रीफ

कैनबरा । वैज्ञानिकों को ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान के बीचो बीच करोड़ों वर्ष पुराना कोरल रीफ मिला है। दरअसल, कोरल रीफ समुद्र की गहराइयों में पाए जाते हैं, जिन पर समुद्र के अंदर जीवन चलता है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया का नुलरबोर मैदान में ये कोरल रीफ मिला है। नुलरबोर लगभग 1 लाख 20 हजार स्क्वायर किमी वाला चूना पत्थर की चट्टान वाला रेगिस्तान है। ये रेगिस्तान आज से 1.4 करोड़ साल पहले सेनोजोइक काल में महासागर के नीचे था।
ऑस्ट्रेलिया के पर्थ के कर्टिन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ अर्थ एंड प्लैनेटरी साइंसेज के शोधकर्ताओं ने नए हाई-रिज़ॉल्यूशन वाली सैटेलाइट तस्वीरों में इसे देखा। इस खोज ने उनकी पिछली धारणाओं को चुनौती दी, जिसके मुताबिक नुलरबोर मैदान हमेशा से फीचर रहित रहा है। स्टडी के सह-लेखक और कर्टिन यूनिवर्सिटी के भूविज्ञानी मिलो बरहम ने कहा दुनिया के कई हिस्सों के विपरीत, नुलरबोर मैदान में मौसम और क्षरण प्रक्रियाओं से बड़ा बदलाव नहीं आया है, जिससे प्राचीन इतिहास को समझने की यह सबसे अच्छी जगह है।
बरहम ने कहा हाई रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों में हमने इमेजरी और फील्डवर्क के जरिए लाखों वर्षों से संरक्षित एक मूल समुद्री संरचना के स्पष्ट अवशेष की पहचान की है, जो कि नुलरबोर मैदान में खोजी गई है। ऑस्ट्रेलिया का अधिकांश हिस्सा आज के समय सूखा है। देश के 18 फीसदी हिस्से को रेगिस्तान के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। लेकिन सैकड़ों लाखों साल पहले ऑस्ट्रेलिया वर्षा वनों और समुद्रों से घिरा था। इसमें वह महासागर भी था जो कभी नुलरबोर मैदान को पानी के नीचे रखता था। एक जर्नल में प्रकाशित पेपर के मुताबिक कोरल रीफ संरचना गोल है और वह बाकी सतह से ऊंची है। इसके बीच में एक गुंबद जैसी आकृति है। देखने पर ये निशाने के लिए इस्तेमाल बुल्स आई की तरह दिखती है। इसकी संरचना का व्यास 3,950 से 4250 फीट का है।

 

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