आर्थिक नीतियों ने कुछ देशों को बदहाली के कगार पर
वेनेजुएला
कोविड-19 संकट के व गलत आर्थिक नीतियों ने कुछ देशों को बदहाली के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है. हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और श्रीलंका भी इससे अछूते नहीं है. किसी देश में सिलेंडर का दाम 10,000 रुपये के करीब पहुंच गया है तो किसी देश में मिर्च की कीमत 710 रुपये पर पहुंच गई है. आइए जानते हैं कि अति महंगाई से दुनिया के कौन से देश सबसे ज्यादा परेशान हैं.
पाक पीएम की नींद हराम
पाकिस्तान में रसोई गैस की कीमतों से लोग हलकान हैं. देश में घरेलू सिलेंडर के दाम 2,560 रुपये पर पहुंच गए हैं. वहीं, कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम 9,847 रुपये पर हैं. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में दूध के दाम 150 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं. पाकिस्तान में चीनी की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई हैं. दूसरी ओर, गेहूं की कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है. इतना ही नहीं मटन, चिकन, दाल और अन्य चीजों के दाम भी आसमान पर पहुंच गए हैं.
कीमतों में इस पैमाने में तेजी की वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को स्वीकार करना पड़ा है कि उनका देश काफी अधिक महंगाई का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा है कि उनके देश में कमोडिटीज और फ्यूल की कीमतें काफी तेजी से बढ़ रही हैं और बढ़ती महंगाई की वजह से उन्हें नींद नहीं आ रही है. इमरान खान ने वर्तमान महंगाई को पूरी दुनिया की परेशानी बताया. पाक पीएम ने कहा कि जब पाकिस्तान में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें बड़े पैमाने पर अकाउंट डेफिसिट से जूझना पड़ा और इस वजह से इम्पोर्ट महंगा हुआ.
कोविड ने श्रीलंका की कमर तोड़ी
कोविड-19 की वजह से श्रीलंका की इकोनॉमी बुरी तरह प्रभावित हुई है. देश में महंगाई चरम पर पहुंच गई है और खाने-पीने के सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं. विश्व बैंक का अनुमान है कि महामारी शुरू होने से अब तक पांच लाख लोग गरीबी रेखा की नीचे चले गए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीलंका में नवंबर 2021 से दिसंबर 2021 के बीच खाद्य वस्तुओं की महंगाई 15 प्रतिशत बढ़ी है. सब्जियों की कीमतों में इजाफा इसका प्रमुख कारण है.
श्रीलंका में 100 ग्राम मिर्च की कीमत 18 (श्रीलंकाई) रुपए से बढ़कर 710 (श्रीलंकाई) रुपए हो गई है. इतना ही नहीं देश में एक किलोग्राम आलू की कीमत 200 रुपये पर पहुंच गई है. श्रीलंका में बैंगन की कीमत 160 रुपये प्रति किलोग्राम, भिंडी का भाव 200 रुपये प्रति किलोग्राम और गाजर 200 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है.
वेनेजुएला में भी बुरा है हाल
दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में 2021 में सालाना महंगाई दर 686.4 फीसदी पर रहा. 2020 में देश में महंगाई की दर 2,959.8 फीसदी पर पहुंच गई थी. इस वजह से खाने-पीने के सामान काफी महंगे हो गए और लोग इसके खिलाफ सड़कों पर आ गए. 2019 में देश में 5 टमाटर की कीमत 50 लाख बोलिवर (वेनेजुएला की करेंसी) पर पहुंच गई थी.
सीरिया में भी कम नहीं है महंगाई
सीरिया में ईंधन की कीमतों में तेजी से सब्जियों और फलों के दाम में 15 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है. देश में बिना सब्सिडी के डीजल 1700 सीरियन पाउंड पर पहुंच गया. इसी तरह बिना सब्सिडी वाले 90 ऑक्टेन गैसोलिन की कीमत 2500 सीरियन पाउंड हो गई. देश में महंगाई का आलम ये हो गया है कि पिछले साल सीरिया ने पांच हजार सीरियाई पाउंड का नोट जारी किया. इसी तरह अफीक्री देश सूडान में भी महंगाई चरम पर है. देश में चीनी और गेहूं के दाम काफी अधिक बढ़ गए हैं. इसी तरह यमन और सीरिया में भी खाने-पीने के सामान काफी महंगे हो गए हैं.