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जम्मू-कश्मीर में बालटाल-जोजिला के पास भारी हिमस्खलन, चारों तरफ दिखा बर्फ का सैलाब

श्रीनगर । पूरे जम्मू-कश्मीर में लगातार कड़ाके की ठंड जारी है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के सोनमर्ग क्षेत्र में बालटाल जोजिला के पास गुरुवार सुबह एक बड़ा हिमस्खलन हुआ इसमें जान-माल के किसी नुकसान की खबर नहीं है। मीडिया के अनुसार स्थानीय प्रशासन इस हिमस्खलन के प्रभाव के बारे में जानकारी जुटा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में राज्य के कई इलाकों में भारी बर्फबारी और बारिश होने की संभावना है। जम्मू संभाग के मैदानी इलाकों में घने कोहरे और बादलों के कारण सड़क यातायात प्रभावित है। इसके साथ ही हवाई सेवाओं पर भी इसका असर दिख रहा है। कोहरे के कारण रेल सेवा भी लगातार प्रभावित है। प्रतिदिन कई ट्रेनें निर्धारित समय से घंटों की देरी से पहुंच रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार 12 और 13 जनवरी के लिए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण जम्मू और कश्मीर संभाग में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। इसमें कुछ स्थानों पर मौसम ज्यादा खराब हो सकता है। खराब मौसम के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड पर यातायात बाधित हो सकता है। जम्मू में बुधवार को दिन चढ़ने के साथ तेज हवाओं के बाद हल्की बारिश हुई। यहां सुबह के समय दृश्यता 25 मीटर तक रह गई थी। इससे पहले 4 और 5 जनवरी को कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाले श्रीनगर-लेह हाईवे पर 24 घंटे में दस स्थानों पर हिमस्खलन के कारण भारी बर्फ पहाड़ों से खिसककर सड़क पर आ गई थी जिस कारण घंटों यातायात बाधित रहा। सीमा सड़क संगठन ने जल्द ही जवानों और आधुनिक मशीनरी को लगाकर यातायात बहाल कर दिया था। हिमस्खलन में किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है। इस साल रिकॉर्ड समय तक खुले रहे जोजिला मार्ग को 7 जनवरी से यातायात के लिए बंद कर दिया गया। बीआरओ के जोजिला मार्ग के प्रभारी कनिष्ठ अभियंता अमित ने बताया कि 4 और 5 की दरमियानी रात को जोजिला मार्ग पर 6-7 किलोमीटर के दायरे में करीब 10 स्थानों पर हिमस्खलन हुआ। श्रीनगर-लेह राजमार्ग कश्मीर को लद्दाख के साथ जोड़ने वाला एक मात्र मार्ग है। इसलिए यह न केवल आम जनता के लिए बल्कि सैन्य दृष्टिकोण के चलते भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस वर्ष 6 जनवरी इस सीजन का आखिरी दिन रहा जब वाहनों को सोनमर्ग से द्रास और द्रास से सोनमर्ग की ओर आने जाने की अनुमति मिली। 7 जनवरी से इसे पूरी तरह से बंद किया गया।

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