यूक्रेन पर हमले से हैं आहत रूसी व्यापारी ने पुतिन के सिर पर रखा 10 लाख डॉलर का इनाम, जिंदा या मुर्दा…
वाशिंगटन
रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई एक सप्ताह से जारी है। यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर एक रूसी व्यापारी इस कदर गुस्से में है कि उसने अपने ही देश के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार या मारने के लिए 10 लाख डॉलर की पेशकश की है। उन्होंने यह मिलिट्री अधिकारियों को यह खुला ऑफर दिया है। बिजनेसमैन और पूर्व बैंकर एलेक्स कोन्याखिन ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी घोषणा की है। आपको बता दें कि कोन्याखिन इन दिनों अमेरिका में हैं। पश्चिमी देशों की सरकारों और कंपनियों ने पुतिन को आर्थिक रूप से दंडित करने की मांग करके रूसी आक्रमण का जवाब दिया है। अब कोन्याखिन का यह प्रस्ताव इस विरोध को और तेज करता है। कोन्याखिन ने मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि उन्होंने पुतिन को रूसी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत एक युद्ध अपराधी के रूप में गिरफ्तार करने के लिए अधिकारियों को पैसे देने का वादा किया है।
रूसी व्यवसायी ने यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सिर पर 10 लाख डॉलर का इनाम रखा है। कोन्याखिन ने पोस्ट में कहा, "एक रूसी नागरिक के नाते मैं रूस को संप्रदायिक होने से रोकना आपना नैतिक कर्तव्य मानता हूं।" पुतिन ने यूक्रेन पर अपने आक्रमण को यह कहकर सही ठहराने की कोशिश की है कि रूसी सेना यूक्रेन को नाजियों से आजाद कर देगी। इसे पश्चिमी शक्तियों ने खारिज कर दिया है।
कोन्याखिन को उनकी प्रोफ़ाइल तस्वीर में यूक्रेनी राष्ट्रीय ध्वज के पीले और नीले रंग के रंगों के साथ शर्ट पहने हुए देखा जा सकता है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि वह पुतिन के ओरडा के हमले का सामना करने के लिए अपने वीर प्रयासों में यूक्रेन को सहायता जारी रखेंगे। द जेरूसलम पोस्ट के अनुसार लिंक्डइन पर कोन्याखिन की पोस्ट के एक पुराने संस्करण में "वांटेड: डेड ऑर अलाइव। व्लादिमीर पुतिन फॉर मास मर्डर" शब्दों के साथ पुतिन की एक तस्वीर शामिल थी। ऐसा लगता है कि पोस्ट को हटा दिया गया है।
कोन्याखिन ने सोवियत संघ के पतन के बाद अपना करियर बनाया और तरक्की पायी। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, "रूस में अपार्टमेंट इमारतों को उड़ाने के एक विशेष अभियान के परिणामस्वरूप, फिर स्वतंत्र चुनावों को समाप्त करके और अपने विरोधियों की हत्या करके संविधान का उल्लंघन करके पुतिन सत्ता में आए।"