विदेश

इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही खोया बहुमत का आंकड़ा

इस्लामाबाद

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्तारूढ़ गठबंधन के एक मुख्य सहयोगी दल के विपक्षी खेमे से जा मिलने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही बुधवार को संसद में बहुमत खो दिया। एमक्यूएम-पी के पास सात सांसद हैं। जमीयत उलेमा-ई-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलान फजलुर रहमान ने कहा कि संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अब विपक्ष के पास 175 सांसद हैं। यह पहले ही ऐलान किया जा चुका है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को इमरान खान के हटने के बाद नया प्रधानमंत्री बनाया जाएगा।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नीत गठबंधन सरकार के अहम सहयोगी दल मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने इस्लामाबाद में प्रेस कांफ्रेंस कर ऐलान किया कि वह विपक्षी खेमे में शामिल हो गया है। एमक्यूएम-पी प्रमुख खालिद मकबूल सिद्दिकी ने कहा, 'हम सहिष्णुता और सच्चे लोकतंत्र की राजनीति के लिए नई शुरुआत करना चाहते हैं। 'सात सांसदों वाले दल एमक्यूएम-पी के साथ छोड़ने से इमरान सरकार ने सदन में स्पष्ट रूप से बहुमत खो दिया है।  

सरकार के एक अन्य सहयोगी और पांच सांसद रखने वाले दल बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) ने सोमवार को ही ऐलान कर दिया था कि उसने इमरान सरकार के खिलाफ मतदान करने के विपक्ष की पेशकश को स्वीकार कर लिया है। इमरान खान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की विशेष बैठक के बाद राशिद ने मीडिया को संबोधित किया। क्या अपने संबोधन के दौरान इमरान खान इस्तीफा दे देंगे? इस सवाल के जवाब में राशिद ने कहा, 'किसी भी हालत में नहीं, वह अंतिम गेंद तक खेलेंगे।'
 

सत्ता बचाने इमरान खान को 172 वोटों की पड़ेगी जरूरत
पाकिस्तान में गत आठ मार्च को नेशनल असेंबली में विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए नेशनल असेंबली के सत्र का आयोजन बृहस्पतिवार को होगा।  इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 342 सदस्यीय संसद (नेशनल असेंबली) में 172 मत की जरूरत पड़ेगी। जियो न्यूज की खबर के मुताबिक एमक्यूएम-पी ने विपक्ष का सहयोग करने का फैसला किया है और इसके दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है।

सदन में इमरान खान की पार्टी के 155 सांसद
बताया जा रहा है कि एमक्यूएम-पी के सांसद फारोग नसीम और अमीनउल हक ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। एमक्यूएम-पी के नेता फैजल सब्जवाडी ने बुधवार को कहा कि संयुक्त विपक्ष के साथ उसका समझौता हो चुका है। इमरान खान (69) की पार्टी पीटीआई के सदन में 155 सांसद हैं। इमरान को करीब दो दर्जन सांसदों की बगावत और सहयोगी दलों की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये नहीं हटाया गया है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने वाले इमरान खान तीसरे प्रधानमंत्री हैं।

अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान तीन अप्रैल को
इससे पहले इमरान खान ने अपनी पार्टी के सदस्यों को सख्त निर्देश दिया कि वह अवश्विास प्रस्ताव पर मतदान के दिन या तो सदन में अनुपस्थित रहें या फिर मतदान में भाग नहीं लें। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान तीन अप्रैल को होने की संभावना है। साल 2018 में 'नया पाकिस्तान' बनाने का वादा करके इमरान सत्ता में आये, लेकिन बेलगाम महंगाई पर नियंत्रण पाने में सरकार की विफलता ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ एक मौका दे दिया। पाकिस्तान में अब तक कोई प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर सका है।

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