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अब यूक्रेन के खेरसॉन शहर को अलग करेगा रूस? जेलेंस्की बोले- शांति वार्ता खतरे में पड़ जाएगी

कीव
 
यूक्रेनी शहर खेरसॉन पर रूस का कंट्रोल है और दावा किया जा रहा है कि यहां पुतिन ने रूस समर्थक नेता को बतौर प्रशासन तैनात किया है। अब खबर है कि रूसी-नियंत्रित प्रशासन ने कहा है कि वह मास्को से अनुरोध करेगा कि इस शहर को यूक्रेन से अलग घोषित किया जाए। बता दें कि आक्रमण के शुरुआती दिनों में ही रूस ने खेरसॉन क्षेत्र के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया था, लेकिन वहां एक जनमत संग्रह की योजना को उसे छोड़ना पड़ा, जिसे शुरू में 27 अप्रैल के लिए निर्धारित किया गया था। जिसके बाद रूस ने वहां अपना समर्थक नेता को तैनात कर दिया जो रूस में जाने का पक्षधर बताया जाता है।

जेलेंस्की ने दी चेतावनी
खेरसॉन शहर को यूक्रेन से अलग किए जाने की खबरों के बीच देश के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने बुधवार रात को चेतावनी दी कि इस तरह के "छद्म जनमत संग्रह" से शांति वार्ता खतरे में पड़ जाएगी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने 44 वर्षीय नेता के हवाले से कहा, "ये सीमांत लोग, जिन्हें रूस अपना सहयोगी बताता है वे बेहद "मूर्खता" भरे बयान दे रहे हैं।" उन्होंने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है – उनके पास कोई मौका नहीं है। मुझे विश्वास है कि हम अपनी भूमि और अपने लोगों को आजाद कर लेंगे।" जेलेंस्की ने एक वीडियो संबोधन में कहा कि "युद्ध तभी समाप्त होगा जब रूस हमारे जीने का अधिकार हमें लौटाएगा।" बुधवार को, रूस की TASS समाचार एजेंसी ने बताया कि यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले क्षेत्र खेरसॉन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस साल के अंत तक इसे देश में शामिल करने के लिए कहने की योजना बनाई है।  रिपोर्ट में वहां के सैन्य-नागरिक प्रशासन का हवाला दिया गया है। 24 फरवरी को मास्को द्वारा अपना आक्रमण शुरू करने के बाद से यह पहला क्षेत्र होगा जिसे एनेक्स किया जाना है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, "यह युद्ध हमेशा के लिए नहीं रहेगा। एक समय होगा जब शांति वार्ता होगी। मैं इसे तत्काल भविष्य में नहीं देखता। लेकिन मैं एक बात कह सकता हूं। हम कभी हार नहीं मानेंगे।"

यूक्रेन ने पूर्व में बढ़त बनाई, मारियुपोल में रूसी सेना को रोका
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि देश की सेना ने पूर्व में थोड़ी बढ़त हासिल की है और रूसी सेना को खारकीव के निकटवर्ती चार गांवों से बाहर कर दिया है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा था कि यूक्रेन रूस को उसके कब्जे वाले क्षेत्रों से जाने के लिए मजबूर कर सकता है। विदेश मंत्री कुलेबा के इस आह्वान से न सिर्फ यूक्रेनी सेना का आत्मविश्वास बढ़ा बल्कि लक्ष्य का भी विस्तार हुआ। कुलेबा ने ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ से कहा कि 24 फरवरी को हमला होने के बाद यूक्रेन को लगता था कि उनकी जीत तभी होगी जब रूसी सैनिकों की, उनके अधिकार वाले स्थानों से वापसी होगी। लेकिन अब वह बात नहीं रही। कुलेबा ने कहा, ‘‘अगर हम सैन्य मोर्चे पर काफी मजबूत हैं और हम डोनबास के लिए लड़ाई जीतते हैं तो यह युद्ध की रणनीति के लिए महत्वपूर्ण होगा और निश्चित रूप से इस युद्ध में हमारी जीत हमारे बाकी क्षेत्रों की आजादी होगी।’’ रूसी सेना ने डोनबास में बढ़त हासिल की है और पहले की तुलना में इस पर अधिक नियंत्रण कर लिया है।

 

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