विदेश

प्रशांत देशों ने चीन के साथ व्‍यापार और सुरक्षा समझौते पर हस्‍ताक्षर करने से किया इंकार

मेलबर्न
 चीन की ओर से ऑस्‍ट्रेलिया, अमेरिका को घेरने के लिए प्रशांत महासागर के 10 देशों के साथ सुरक्षा समझौता करने की कोशिशों को बहुत बड़ा झटका लगा है। प्रशांत देशों के दौरे पर गए चीन के विदेश मंत्री वांग यी को खाली हाथ लौटना पड़ा है। प्रशांत देशों ने चीन के साथ व्‍यापार और सुरक्षा समझौते पर हस्‍ताक्षर करने से इंकार कर दिया। वांग यी ने फ‍िजी में 10 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की लेकिन चीन के साथ सुरक्षा और आर्थिक समझौते पर कोई सहमति नहीं बन पाई।

चीन इन 10 देशों के साथ मुक्‍त व्‍यापार, पुलिस सहयोग और आपदा को लेकर व्‍यापक समझौता करना चाह रहा था। फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बेन‍िमरामा ने कहा कि प्रशांत देश अपने रवैये को लेकर एकजुट हैं। उन्‍होंने कहा कि हमेशा की तरह से पहले हम अपने 10 देशों के अंदर नए क्षेत्रीय समझौते को लेकर आपसी बातचीत से आम सहमति बनाएंगे। फिजी के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह चीन के साथ जलवायु परिवर्तन और उत्‍सर्जन घटाने पर ठोस प्रतिबद्धता चाहते हैं।

इस बीच फिजी में चीन के राजदूत किआन बो ने कहा कि कुछ प्रशांत देशों ने बीजिंग के व्‍यापक प्रस्‍तावों में से कुछ तत्‍वों पर आपत्ति जताई थी। उन्‍होंने कहा, 'जिन देशों के साथ हमारे राज‍नयिक संबंध हैं, उन 10 देशों के लिए आम समर्थन है। लेकिन निश्चित रूप से कुछ विशेष मुद्दों पर कुछ चिंताएं हैं।' चीनी राजदूत ने कहा कि हम अपनी स्थिति जल्‍द ही साफ करेंगे। उन्‍होंने कहा कि हम अपने दोस्‍तों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

चीनी राजदूत ने दावा किया कि यह उनके देश की नीति है कि हम किसी अन्‍य देश पर कुछ भी नहीं थोपते हैं। यह कभी नहीं हुआ है। उन्‍होंने कहा कि हमने फिजी के साथ तीन समझौते किए हैं, ये सभी आर्थिक विकास को लेकर हैं। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि हम आगे भी बिना राजनीतिक शर्त के प्रशांत महासागर के देशों को सहायता देते रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि चीन प्रशांत देशों का लंबे समय से दोस्‍त है। चीनी विदेश मंत्री कुछ भी दावा करें लेकिन अमेरिका और ऑस्‍ट्रेलिया इसे अपने घेराबंदी के रूप में देख रहे थे। माना जा रहा है कि चीन क्‍वाड और ऑकस के जवाब में इसे बना रहा था।

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