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डॉगी समझ कर पाल रहे थे भालू, 2 पैरों पर चलता देख सामने आ गया सच

बीजिंग । चीन में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहां एक परिवार दो सालों से एक भालू को कुत्ता समझकर पालता रहा था। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण चीन में एक परिवार ने एक कुत्ते के पिल्ले को खरीदा था, जो दो साल बाद एक भालू निकला। युन्नान प्रांत में कुनमिंग के पास रहने वाली सु युन ने एक पिल्ला खरीदा था जो कि उसे बताया गया था कि वह एक तिब्बती मास्टिफ है। बता दें कि एक तिब्बती मास्टिफ एक बड़े आकार का कुत्ता है जिसकी खाल मोटी होती है। यह आमतौर पर काले और भूरे रंग के मिश्रण में पाया जाता है। पुरुषों की ऊपरी वजन सीमा 150 पाउंड है।
मालिक शुरू में अपने कुत्ते की भूख से चौंक गया था, जिसके परिणामस्वरूप वह रोजाना फलों का एक डिब्बा और दो बाल्टी नूडल्स खा रहा था। वहीं केवल दो वर्षों के बाद सु के पालतू जानवर का वजन 250 पाउंड हो गया था, जो लगातार बढ़ रहा है। हालांकि महिला की उलझन डर में उस वक्त बदल गई, जब उन्होंने जानवर की दो पैरों पर चलने की असामान्य क्षमता देखी। महिला ने देखा कि उसका कथित कुत्ता अपने दोनों पैरों पर चल रहा है।
चीनी मीडिया के अनुसार जब परिवार को एहसास हुआ कि यह एक भालू है तो उन्होंने पुलिस को फोन किया। वहीं पुलिस ने पुष्टि की कि सु का कुत्ता एक दुर्लभ और खतरनाक एशियाई काला भालू था। यह अनुमान लगाया गया है कि एक परिपक्व नर एशियाई भालू, जिसे कभी-कभी हिमालयी या चंद्रमा भालू कहा जाता है, उसका वजन 400 पाउंड तक हो सकता है। भालू को लेने के लिए सु के घर आए वन्य विभाग को जंगली जानवर के जागते समय हमले करने का बहुत अधिक डर था, इसलिए उन्हें युन्नान वन्यजीव बचाव में ले जाने से पहले उसे सुलाना पड़ा।

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