विदेश

तुर्की में मलबे में दबे लोगों के बचने की संभावना होती जा रही धूमिल

अंकारा| बचाव दल भूकंप से ढही इमारतों के मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब उनके बचने की संभावना बहुत धूमिल होती जा रही है। तुर्की के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (एएफएडी) के अनुसार विनाशकारी भूकंप से देश में मरने वालों की संख्या गुरुवार तक 17,134 हो गई।

10 प्रांतों में खोज के प्रयास समाप्त होने के बाद हताहतों की संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों ने कहा है कि देश में सोमवार को आए भूकंप के 72 घंटों के बाद मलबे में दबे लोगों के बचने की संभावना बहुत कम हो गई है।

फिर भी कुछ जीवित लोग मलबे से बाहर निकाले गए हैं, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को तुर्की की बचाव टीमों ने मेराल नकीर नाम की 60 वर्षीय महिला को मलत्या में एक अपॉर्टमेंट के मलबे से बाहर निकाला।

घायल महिला को प्रशिक्षित कुत्ते कोपुक की मदद से छह मंजिला इमारत के मलबे से निकाला गया। गोल्डन रेट्रिवर रेस्क्यू डॉग ने उसी साइट पर दो दिनों तक सेवा की और छह लोगों को बचाया।

अंताक्या, हटे में चीनी और तुर्की के बचावकर्मियों ने अपने संयुक्त अभियान के जरिए गुरुवार को ढही इमारतों के मलबे से तीन महिलाओं को बचाया, इस दौरान दो शव भी बरामद किए गए।

उधर, तुर्की की संसद ने गुरुवार को तीन महीने के आपातकाल को लागू करने की मंजूरी दे दी। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा था, कि राज्य इस अधिकार का उपयोग कुछ लोगों के दुर्भावनापूर्ण कृत्यों को रोकने के लिए करेगा।

भूकंप प्रभावित प्रांतों में से एक, दक्षिणी गजि़यांटेप में राष्ट्रपति ने कहा कि भूकंप के कारण घरों को खोने वालों के लिए अस्थायी आवास के लिए कंटेनर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जबकि एक वर्ष में तीन या चार मंजिला इमारतें बनाने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने भूकंप पीड़ितों में से प्रत्येक को 10,000 तुर्की लीरा (530 डॉलर) आवंटित करने का भी वादा किया।

एर्दोगन ने स्वीकार किया कि आपदा के पहले दिन तत्काल कार्रवाई में कमियां थीं।

आपदा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। इन इलाकों में जिन बच्चों के परिवार और रिश्तेदारों से संपर्क नहीं हो पाता, उनके लिए कॉल सेंटर स्थापित किया गया। भूकंप प्रभावित इलाकों से सैकड़ों लोगों को अन्य प्रांतों के अस्पतालों में भेजा गया।

पीड़ितों की मदद के लिए कई स्वयंसेवक भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में आए।

बचाव प्रयासों में सहायता के लिए 82 सदस्यीय चीनी बचाव दल और कई नागरिक टीमों सहित अंतर्राष्ट्रीय खोज और बचाव दल तुर्की पहुंचे हैं।
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button