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ब्रह्मांड का विस्तार करने वाला डार्क एनर्जी ब्लैक होल का स्त्रोत 

वाशिंगटन । ब्रह्मांड का विस्तार करने वाला डार्क एनर्जी ब्लैक होल का स्त्रोत हो सकता है। हवाई विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने आकाशगंगा में मौजूद ब्लैक होल पर रिसर्च कर चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। ताजा अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है कि विभिन्न आकाशगंगाओं में ब्लैक होल की वृद्धि दर की तुलना करने के बाद उसके अंदर डार्क एनर्जी का निर्माण किया जा सकता है। हालांकि, इस स्टडी पर वैज्ञानिकों का कहना है, ‘अभी यह सोचना बहुत जल्दबाजी होगी कि ब्लैक होल किसी भी तरह से डार्क एनर्जी से संबंधित हैं।”जानकारी के मुताबिक,  हवाई विश्वविद्यालय के नेतृत्व में 17 अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने डार्क एनर्जी के मूल बिंदु के लिए पहला सबूत खोजा है।रिसर्च से पता चलता है कि ब्लैक होल दो तरह से द्रव्यमान प्राप्त करते हैं, पहला गैस के फैलाव और दूसरा ब्लैक होल के साथ विलय करके।इस दौरान वैक्यूम एनर्जी होती है, जो डार्क एनर्जी का स्रोत हैं.ब्लैक होल को विनाशक और राक्षस या दैत्य की तरह का पिंड माना जाता है।ब्लैक होल तब बनते हैं जब बड़े पैमाने पर तारे अपने जीवन की अंतिम स्थिति में होते हैं।
इसके अतिशक्तिशाली गुरुत्व की वजह से प्रकाश तक बाहर नहीं निकल सकता है, इसीलिए यह दिखाई नहीं देता है और इसका नाम ब्लैक होल भी इसी कारण से पड़ा है। दुनिया में सबसे ज्यादा जीनियस माने जाने वाले अल्बर्ट आइंस्टीन की एक सिद्धांत में दावा किया गया था कि ब्रह्मांड का विस्तार नहीं हो सकता।हालांकि, बाद में इसे हटा लिया गया था।1998 में वैज्ञानिकों ने समझा कि ब्रह्मांड का विस्तार तेजी से हो रहा है।जिस वजह से ये विस्तार हो रहा है, उसको ही डार्क एनर्जी कहा गया है। 

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