आसमान में अगले 24 घंटे छाई रहेगी धुंध, उसके बाद कहीं-कहीं बारिश के आसार
जमशेदपुर
पूर्वी अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लेकर उत्तर और उत्तरी पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ के चक्रवाती प्रवाह में तब्दील होने से कोल्हान में मौसम का मिजाज बदल गया है। जिसके प्रभाव से सोमवार को दिन की शुरुआत घने कुहासे और धुंध से हुई। दोपहर तक सूर्य की चमक में तेजी नजर नहीं आई। आसमान में धुंध छाया रहा। चक्रवाती प्रवाह दक्षिण बिहार तक विस्तृत होने से झारखंड में बादलों का साया है। कुहासे और धुंध के बीच के बीच बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि अगले 24 घंटे घने कोहरा और धुंध का प्रभाव रहेगा। उसके बाद कुछ जगहों पर हल्की बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है। मौसम के मिजाज में बदलाव से तापमान में वृद्धि से ठिठुरन और कनकनी वाली ठंड से राहत मिली है। लेकिन सर्दी का अहसास हो रहा है।
पेरवाघाघ वाटरफॉल में अस्थायी पुल बनकर तैयार, बोटिंग शुरू
उधर, रांची से 75 किलोमीटर की दूर खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड में स्थित पेरवाघाघ जलप्रपात में सैलानियों की सुविधा के लिए पर्यटन मित्रों ने नदी के बीच लकड़ी का अस्थायी पुल बनाया है। पुल बनकर तैयार हो जाने से सैलानी अब नदी के पार जाकर नजदीक से पहाड़ी के ऊपर से गिरते झरने का सुंदर नजारा देख सकेगें। पर्यटन मित्रों ने देशी तकनीक से लकड़ी का बोट बनाकर तैयार कर लिया है। बोट का परीक्षण भी सफलता पूर्वक किया गया। बोट में एक साथ चालीस पर्यटन मित्र बैठकर झरने के नजदीक तक गये। पर्यटन मित्र जय सिंह व इन्द्र सिंह ने बताया कि बोट में इस बार 35 लोग एक साथ बैठकर बोटिंग कर सकेंगे। प्रशासन की ओर से पहले ही बोटिंग के लिए लाईफ जैकेट उपलब्ध कराया गया है। नदी के दूसरे ओर जाकर जलप्रपात नजदीक से सैलानी देख सकें, इसके लिए नदी के बीच लकड़ी का अस्थायी पूल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बरसात में पूल बह जाता है। इस कारण दिसबंर महीना में प्रत्येक वर्ष अस्थायी पूल बनाया जाता है। पूल नहीं होने से सैलानी नदी की दूसरी ओर नही जा पाते हैं। पर्यटन मित्रों ने बताया कि पेरवाघाघ जलप्रपात सैलानियों के स्वागत के लिए तैयार है। पर्यटक झरने के नजदीक जाकर सेल्फी लेते समय सावधानी बरतें।